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विक्षिप्त का अपहरण कर डेढ़ करोड़ का फर्जी बैनामा, कोर्ट ने मांगी आख्या

देहात कोतवाली क्षेत्र में मानसिक रुप से विक्षिप्त व्यक्ति का अपहरण कर फर्जी बैनामा कराने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित की पत्नी ने पुलिस से कई बार मामला दर्ज करने की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर महिला कोर्ट की शरण में पहुंची जहां से गुरुवार को आख्या तलब करने का आदेश मिला है। पीड़ित परिवार को अब न्याय की आस जगी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:30 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:30 PM (IST)
विक्षिप्त का अपहरण कर डेढ़ करोड़
का फर्जी बैनामा, कोर्ट ने मांगी आख्या
विक्षिप्त का अपहरण कर डेढ़ करोड़ का फर्जी बैनामा, कोर्ट ने मांगी आख्या

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : देहात कोतवाली क्षेत्र में मानसिक रुप से विक्षिप्त व्यक्ति का अपहरण कर फर्जी बैनामा कराने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित की पत्नी ने पुलिस से कई बार मामला दर्ज करने की गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक-हारकर महिला कोर्ट की शरण में पहुंची जहां से गुरुवार को आख्या तलब करने का आदेश मिला है। पीड़ित परिवार को अब न्याय की आस जगी है।

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देहात कोतवाली क्षेत्र के देवखरा निवासी रीता चौरसिया का आरोप है कि उनके पति कुंतराम जो कि मानसिक विक्षिप्त हैं, का अपहरण कुछ लोगों ने पूरी जमीन का बैनामा करा लिया। महिला का आरोप है कि 28 जनवरी 2019 को उनके पति शाम चार बजे शौच के लिए निकले लेकिन लौटकर वापस नहीं आए। इस बीच परिवार ने सभी जगह उनकी तलाश की और पांच फरवरी 2019 को देहात कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके तीन दिन बाद आठ फरवरी को कुंतराम चौरसिया विक्षिप्त अवस्था में नकहरा रोड पर घूमते पाए गए। लोगों की सूचना पर परिजन उन्हें घर ले गए। फिर पता चला कि उन्हें किसी आफिस में ले जाकर रंगीर कागजात पर दस्तखत कराए गए हैं। जब पत्नी ने वकील के माध्यम से इसकी पड़ताल की तो पता चला कि गायब होने के दो दिन बाद 30 जनवरी को उनकी देवखरा व नकहरा की संपूर्ण कृषि भूमि का बैनामा करा लिया गया है। पुलिस की भूमिका संदिग्ध

पीड़ितों का आरोप है कि फर्जी बैनामा होने की जानकारी पर उन्होंने 14 फरवरी को पुलिस अधीक्षक से शिकायत की जहां से उन्होंने कोतवाल से मिलने के लिए कहा। इसके बाद परिजन कुंतराम को लेकर 18 फरवरी को देहात कोतवाल से मिले जिन्होंने डांट-डटपकर भगा दिया और कोई कार्रवाई नहीं की। इससे पहले भी जब वे पुलिस के पास गए तो उन्हें यह कहकर टरका दिया गया कि यह मानसिक विक्षिप्त है, इसकी बात का कोई भरोसा नहीं है। रजिस्ट्री आफिस में भी खेल

पीड़ितों का आरोप है कि जिसने जमीन खरीदी है, उसका आधार नंबर तो कार्यालय में जमा है लेकिन कुंतराम का पहचान पत्र व मोबाइल नंबर बैनामे में फर्जी लगाया गया है और आधार नंबर तो लगा ही नहीं है। इस एवज में बैनामा कराने वालों ने कोई भुगतान भी नहीं किया है। पीड़िता रीता चौरसिया ने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं जो इस धोखाधड़ी की वजह से सड़क पर आ गए हैं।


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