देवी के साथ भ्रमण करते हैं महादेव
जासं, मीरजापुर : सावन माह में भक्तों पर दया ²ष्टि बरसाने वाले महादेव गंगाजल और पत्र पुष्प के साथ
जासं, मीरजापुर :
सावन माह में भक्तों पर दया ²ष्टि बरसाने वाले महादेव गंगाजल और पत्र पुष्प के साथ ही शिवालय की सफाई और बागवानी करने वाले भक्तों पर अपनी अनुकम्पा की बरसात कर उसके समस्त संकट का निवारण कर अभय प्रदान करते हैं। पृथ्वी पर चतुर्दिक हरियाली और नदी, तालाब और प्राकृतिक झरनों से कल- कल की नाद कर निकलने वालीे मधुर संगीत से मयूर भी नृत्य कर उठते हैं। इन लक्षणों से युक्त मनभावन माह को सावन का महीना कहा गया है। जो देवाधिदेव महादेव को परम प्रिय है। महादेवी के साथ भगवान शिव प्राकृतिक ²श्य का अवलोकन करने के लिए भ्रमण करते हैं। भक्तों से अधिकाधिक स्नेह रखने वाले महादेव सावन माह में पूजन- अर्चन और रुद्राभिषेक से अति शीध्र प्रसन्न होकर भक्त को मनचाहा वरदान देते है।
देवों के देव महादेव का भोलेनाथ के रूप में आराधना करने वाले भक्त को कभी निराश नहीं होना पड़ता। शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नम: शिवाय का पांच करोड़ जप करने से मनुष्य भगवान सदाशिव की तरह हो जाता है। एक, दो, तीन अथवा चार करोड़ जप से क्रमश: ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र, तथा महेश्वर का पद प्राप्त करता है। बाबा भोलेनाथ की कृपा केवल शिवालय की साफ सफाई करने से भी मिलती है। इसका स्पष्ट उल्लेख शिव महापुराण के प्रथम खण्ड विद्येश्वर संहिता में किया गया है। भक्तों के हितकारी सदाशिव की कृपा से पुण्य कर्म के चलते इहलोक में परम आनंद और परलोक में शिव पद की प्राप्ति होती है। महादेव के दरबार में भक्तों की समस्त कामना सिद्ध होती है। सावन में किया गया पुण्य कार्य अनन्त गुणा फलदायी होता है। - पं. हरिशंकर त्रिपाठी, आचार्य, तिवरानी टोला, मीरजापुर।