जिले के 134 आंगनबाड़ी केंद्र अब होंगे आदर्श केंद्र
प्रदेश सरकार की हरी झंडी मिलते ही जनपद के 134 आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों को सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में लाने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रदेश सरकार की हरी झंडी मिलते ही जनपद के 134 आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों को सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में लाने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। जनपद के 2668 केंद्रों में से 134 आंगनबाड़ी केंद्रों को शासन के निर्धारित मानक के अनुसार सर्वश्रेष्ठ आंगनबाड़ी केंद्र की श्रेणी में लाने तैयारी पूरी कर ली गई है। मानक के अनुसार आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए विभागीय भवन होना चाहिए। भवन में बच्चों के लिये सुसज्जित कमरा, पुष्टाहार स्टोर, हाटकुक्ड बनाने हेतु किचन एवं चाइल्ड फ्रेण्डली टायलेट की सुविधा उपलब्ध हो। इसके अलावा बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आउटडोर गतिविधियों का आयोजन करने के लिए चहारदीवारी भी अनिवार्य है। साथ ही स्वच्छ पेयजल के लिए हैंडपंप तथा बच्चों को हाथ साफ करने के लिए पानी की टंकी हो। बच्चों को बैठने के लिए टाट-पट्टी तथा निरीक्षण के दौरान उच्चाधिकारियों को बैठने के लिए कुर्सी हो। भारत सरकार के मानक के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्र पर आने वाले बच्चों के लिए चार्ट व छोटे-छोटे खिलौना सहित प्री-स्कूल किट्स होना चाहिए। आंगनबाड़ी केंद्रों पर विभिन्न रंगों में पशु-पक्षियों, फलों, सब्जियों व फूल-पत्तों के चित्रों की पेंटिग लगी होनी चाहिए। बच्चों के वजन करने के लिए केंद्र पर वजन मशीन भी होनी चाहिए। गौरतलब है कि प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के निदेशक शत्रुघन सिंह ने समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जनपद के पांच प्रतिशत आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची उपलब्ध कराया जाए। भारत सरकार ने इसके लिए मानक भी निर्धारित कर दिया है। जिस आधार पर आंगनबाड़ी केंद्रों को शीघ्र ही आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र घोषित कर दिया जायेगा।