मिनी सचिवालय में बंद किए 123 बेसहारा पशु, दे रहे चारा-पानी
कोतवाली देहात क्षेत्र के नेवढि़यां गांव के किसानों ने फसल बर्बाद कर रहे 123 सांडों को पकड़कर ग्राम सचिवायल में बंद कर दिया। लोगों का आक्रोश इतना अधिक है कि वे जल्द ही इन सांड़ों को कलेक्ट्रेट कार्यालय में छोड़ने की बात कर रहे हैं। इसके साथ ही गांव वालों में इंसानियत भी है और वे इन निरीह पशुओं के चारे-पानी का इंतजाम भी चंदा लगाकर कर रहे हैं। जिला प्रशासन को यह बात मालूम है लेकिन उनके पास आश्वासन की घोंटी पिलाने के सिवाय फिलहाल कुछ नहीं है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोतवाली देहात क्षेत्र के नेवढि़यां गांव के किसानों ने फसल बर्बाद कर रहे घुमंतू 123 बेसहारा पशुओं को पकड़कर ग्राम सचिवालय में बंद कर दिया। लोगों का आक्रोश इतना अधिक है कि यदि जिला प्रशासन ने उनका दर्द महसूस नहीं किया तो जल्द ही वे इन पशुओं को कलेक्ट्रेट कार्यालय में छोड़ने की बात कर रहे हैं। इसके साथ ही गांव वालों में इंसानियत भी बची है, वे ही इन बेसहारा पशुओं के चारे-पानी का इंतजाम भी चंदा लगाकर कर रहे हैं। जिला प्रशासन को यह बात मालूम है लेकिन उनके पास आश्वासन की घुट्टी पिलाने के सिवाय फिलहाल कुछ नहीं है।
धान की फसल के समय बेसहारा पशुओं ने कई खेत बर्बाद कर दिए। दरअसल, यह समस्या सिर्फ अकेले नेवढि़यां गांव की नहीं है बल्कि पूरे जनपद में बेसहारा पशुओं के आतंक से लोग परेशान हैं। नेवढि़यां गांव के किसान ग्राम पंचायत सदस्य सतीशंकर उपाध्याय ने बताया कि इन पशुओं की वजह से फसल बर्बाद हो गई। पशु दिनभर खेतों में घूम-घूमकर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। कई बार अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों को इस बाबत जानकारी दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे आजिज आकर किसानों ने खुद ही इन पशुओं को पकड़ने का अभियान चलाया। अभी तक कुल 123 बेसहारा पशुओं को पकड़कर ग्राम सचिवालय परिसर में बंद कर दिया गया है ताकि फसलें बची रहें। किसान राजेंद्र ने बताया कि अब गेहूं की बुआई हो रही है। खेत में चना, मटर, सब्जियों की फसल तैयार है ऐसे में इन पशुओं को छोड़ दिया जाए तो एक ही रात में फसल चौपट हो जाएगी। किसानों का कहना है इस समस्या के समाधान की कोई सरकारी नीति नहीं है जबकि आज के समय में किसानों की यह बड़ी समस्या है।
किसान खेती न करने पर अड़े
नेवढि़यां गांव के किसानों ने बताया कि बेसहारा पशुओं की वजह से खेती बर्बाद हो रही है। खाद, बीज, पानी का खर्च सब जाया जा रहा है इसलिए जब तक प्रशासन समस्या का समाधान नहीं करता तो खेती नहीं करेंगे। किसानों का कहना है कि डीएम, एडीएम और विधायक मझवां तक हमने समस्या पहुंचाई है, जिस पर अभी तक कोई पहल होती नहीं दिख रही है।
पूरे जनपद में है ये हाल
नेवढि़यां ही नहीं मझवां ब्लाक के कछवां, जमुआं, आहीं, बधवां, दुनाई, गोरही, गोतवां सहित चुनार के पूरे किरिआत क्षेत्र में यह समस्या इन दिनों किसानों के लिए बेसहारा पशु नई मुसीबत बन चुके हैं। मड़िहान, पटेहरा, राजगढ़, पहाड़ी, छानबे, गैपुरा, लालगंज में भी बेसहारा पशु फसलों को पूरी तरह बर्बाद कर रहे हैं। किसान रामजी पटेल का कहना है कि बेसहारा पशुओं की खरीद-बिक्री बंद होने का यह दुष्परिणाम है जो किसानों के गले की हड्डी बन चुका है।
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वर्जन
'नेवढि़यां में बेसहारा पशुओं से जुड़ा मामला हमारे संज्ञान में है। डगमगपुर के पास बड़े स्तर पर पशुशाला बनाया जा रहा है, जहां इन पशुओं को रखा जाएगा।'
- राजित राम प्रजापति, अपर जिलाधिकारी, मीरजापुर