मौत का दरिया बन रहे अवैध स्विमिंग पूल, इस तरह जान गंवाई युवक ने Meerut News
मेरठ में अवैध रूप से चल रहे स्विमिंग पूल मौत का दरिया साबित हो रहे हैं। किठौर में स्विमिंग पूल में नहाने के लिए गए एक युवक की डूबने से मौत हो गई।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 12:32 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 12:32 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। किठौर-परीक्षितगढ़ मार्ग पर अवैध रूप से चल रहे स्विमिंग पूल में नहाने गया एक युवक डूब गया। वहां नहा रहे लोग युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे,जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद स्विमिंग पूल संचालक ताला लगाकर भाग निकला। परिजनों ने बिना पुलिस कार्रवाई शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।
पूल की दीवार में लगा सिर
कस्बे में रैंच के पुल के समीप सड़क किनारे माय सिटी होटल एंड रेस्टोरेंट में कई वर्षों से अवैध रूप से स्विमिंग पूल संचालित है। सोमवार दोहपर कस्बे के खटीकान निवासी दानिश (21) पुत्र मुजाहिद अपने दोस्त सबील व अजीम के साथ वहां नहाने के लिए गया था। शाम करीब पांच बजे छलांग लगाते समय दानिश का सिर पूल की दीवार में जा लगा, जिससे उसे गंभीर चोट लगी। वह पानी से बाहर नहीं आया तो अन्य युवकों ने उसे निकालकर संचालकों को बताया।
बैंगल स्टोर पर सेल्समैन था मृतक
कस्बावासियों ने बताया कि मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह कस्बे में ही मदीना बैंगल स्टोर पर सेल्समैन की नौकरी करता था। वह पांच भाई बहनों में सबसे बड़ा था। मृतक का पिता कस्बे की ही इंदिरा मार्केट में छोटे हाथी का मिस्त्री बताया गया है।
50 रुपये प्रति व्यक्ति लगता है चार्ज
स्विमिंग पूल पर पूरे दिन युवकों का तांता लगा रहता है। यहां नहाने के 50 रुपये प्रति घंटा लिए जाते हैं।
विवादित है होटल
माय सिटी होटल एंड रेस्टोरेंट विवादित रहा है। एक वर्ष पूर्व पुलिस ने यहां छापा मारकर होटल के कमरों से दो युवतियों व तीन युवकों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था। पुलिस ने मामूली विवाद का मामला दर्ज कर सभी को छोड़ दिया था। पिछले दिनों इस होटल से भारी मात्रा में तस्करी की अवैध शराब भी पकड़ी गई थी।
अधिकारी अंजान, धड़ल्ले से चल रहा था स्विमिंग पूल
इसे अनभिज्ञता कहें या मिलीभगत। मुख्य मार्ग पर पिछले कई वर्ष से चल रहे अवैध स्विमिंग पूल पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ती थी। गर्मी के दिनों में यहां भारी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं।
इनका कहना है
किठौर क्षेत्र में किसी भी स्विमिंग पूल की अनुमति नहीं है। अवैध रूप से चल रहे पूल में एक युवक की डूबने से मौत की सूचना मिली है। पूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- अंकुर श्रीवास्तव, एसडीएम मवाना
किठौर की सीमा में कोई भी स्विमिंग पूल संचालित नहीं है।
- राजीव कुमार, ईओ किठौर
मुझे इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
- रोजन्त त्यागी, इंस्पेक्टर किठौर
स्विमिंग पूलों का रिकार्ड चेक किया जाएगा। मानकों का पालन होता है या नहीं। इसकी जांच कराई जाएगी।
- राजेश पांडेय, उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण।
ये मानक होने चाहिए
-12 साल से कम उम्र के बच्चे की ट्रेनिंग के लिए पूल की गहराई अधिकतम तीन फीट और इससे अधिक उम्र पर अधिकतम पांच फीट होनी चाहिए।
-पूल का पानी साफ होना चाहिए। फिल्टरेशन प्लांट दुरुस्त और ऑक्सीजन का स्तर बीच-बीच में चेक होता रहना चाहिए।
-50 मीटर पूल में दो कोच और 25 मीटर पूल में एक कोच हर वक्त तैनात होना चाहिए।
-50 मीटर पूल में चार और 25 मीटर पूल में दो लाइफ सेवर तैनात होने चाहिए।
-लाइफ सेवर के पास एक ऊंची कुर्सी होनी चाहिए ताकि वह पूरे पूल पर आसानी से नजर रख सके।
-पूल में ही प्राथमिक उपचार किट का होना अनिवार्य है।
-पूल में लंबी रस्सी, बांस और रबर ट्यूब रखना जरूरी है।
-लाइफ सेवर राष्ट्रीय स्तर का तैराक होना चाहिए।
कितने स्विमिंग पूल वैध,एमडीए अंजान
हजारों भवनों में पक्का गड्ढा बनाकर पानी भर कर बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है। कहने को ये स्विमिंग पूल हैं, लेकिन मानक एक में भी पूरे नहीं होते हैं। एमडीए इनसे अंजान है। वह यह बताने में असमर्थ है कि कितने स्विमिंग पूल वैध हैं। दरअसल,एमडीए नक्शा तो जारी कर देता है लेकिन इसके बाद पूलों की जांच नहीं होती है। जानकारों की माने तो रुड़की रोड और नूर नगर में स्थित पूल की जांच की गई थी। इसके अलावा शहर में चल रहे पूलों पर अधिकारियों की कोई नजर नहीं है। हैरानी की बात यह है कि गर्मियों में तैराकी सीखने के लिए बच्चे जा रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने जांच करने की जहमत नहीं उठाई।
पूल की दीवार में लगा सिर
कस्बे में रैंच के पुल के समीप सड़क किनारे माय सिटी होटल एंड रेस्टोरेंट में कई वर्षों से अवैध रूप से स्विमिंग पूल संचालित है। सोमवार दोहपर कस्बे के खटीकान निवासी दानिश (21) पुत्र मुजाहिद अपने दोस्त सबील व अजीम के साथ वहां नहाने के लिए गया था। शाम करीब पांच बजे छलांग लगाते समय दानिश का सिर पूल की दीवार में जा लगा, जिससे उसे गंभीर चोट लगी। वह पानी से बाहर नहीं आया तो अन्य युवकों ने उसे निकालकर संचालकों को बताया।
बैंगल स्टोर पर सेल्समैन था मृतक
कस्बावासियों ने बताया कि मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह कस्बे में ही मदीना बैंगल स्टोर पर सेल्समैन की नौकरी करता था। वह पांच भाई बहनों में सबसे बड़ा था। मृतक का पिता कस्बे की ही इंदिरा मार्केट में छोटे हाथी का मिस्त्री बताया गया है।
50 रुपये प्रति व्यक्ति लगता है चार्ज
स्विमिंग पूल पर पूरे दिन युवकों का तांता लगा रहता है। यहां नहाने के 50 रुपये प्रति घंटा लिए जाते हैं।
विवादित है होटल
माय सिटी होटल एंड रेस्टोरेंट विवादित रहा है। एक वर्ष पूर्व पुलिस ने यहां छापा मारकर होटल के कमरों से दो युवतियों व तीन युवकों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा था। पुलिस ने मामूली विवाद का मामला दर्ज कर सभी को छोड़ दिया था। पिछले दिनों इस होटल से भारी मात्रा में तस्करी की अवैध शराब भी पकड़ी गई थी।
अधिकारी अंजान, धड़ल्ले से चल रहा था स्विमिंग पूल
इसे अनभिज्ञता कहें या मिलीभगत। मुख्य मार्ग पर पिछले कई वर्ष से चल रहे अवैध स्विमिंग पूल पर किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ती थी। गर्मी के दिनों में यहां भारी संख्या में वाहन खड़े रहते हैं।
इनका कहना है
किठौर क्षेत्र में किसी भी स्विमिंग पूल की अनुमति नहीं है। अवैध रूप से चल रहे पूल में एक युवक की डूबने से मौत की सूचना मिली है। पूल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- अंकुर श्रीवास्तव, एसडीएम मवाना
किठौर की सीमा में कोई भी स्विमिंग पूल संचालित नहीं है।
- राजीव कुमार, ईओ किठौर
मुझे इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली। तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
- रोजन्त त्यागी, इंस्पेक्टर किठौर
स्विमिंग पूलों का रिकार्ड चेक किया जाएगा। मानकों का पालन होता है या नहीं। इसकी जांच कराई जाएगी।
- राजेश पांडेय, उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण।
ये मानक होने चाहिए
-12 साल से कम उम्र के बच्चे की ट्रेनिंग के लिए पूल की गहराई अधिकतम तीन फीट और इससे अधिक उम्र पर अधिकतम पांच फीट होनी चाहिए।
-पूल का पानी साफ होना चाहिए। फिल्टरेशन प्लांट दुरुस्त और ऑक्सीजन का स्तर बीच-बीच में चेक होता रहना चाहिए।
-50 मीटर पूल में दो कोच और 25 मीटर पूल में एक कोच हर वक्त तैनात होना चाहिए।
-50 मीटर पूल में चार और 25 मीटर पूल में दो लाइफ सेवर तैनात होने चाहिए।
-लाइफ सेवर के पास एक ऊंची कुर्सी होनी चाहिए ताकि वह पूरे पूल पर आसानी से नजर रख सके।
-पूल में ही प्राथमिक उपचार किट का होना अनिवार्य है।
-पूल में लंबी रस्सी, बांस और रबर ट्यूब रखना जरूरी है।
-लाइफ सेवर राष्ट्रीय स्तर का तैराक होना चाहिए।
कितने स्विमिंग पूल वैध,एमडीए अंजान
हजारों भवनों में पक्का गड्ढा बनाकर पानी भर कर बच्चों को ट्रेनिंग दी जा रही है। कहने को ये स्विमिंग पूल हैं, लेकिन मानक एक में भी पूरे नहीं होते हैं। एमडीए इनसे अंजान है। वह यह बताने में असमर्थ है कि कितने स्विमिंग पूल वैध हैं। दरअसल,एमडीए नक्शा तो जारी कर देता है लेकिन इसके बाद पूलों की जांच नहीं होती है। जानकारों की माने तो रुड़की रोड और नूर नगर में स्थित पूल की जांच की गई थी। इसके अलावा शहर में चल रहे पूलों पर अधिकारियों की कोई नजर नहीं है। हैरानी की बात यह है कि गर्मियों में तैराकी सीखने के लिए बच्चे जा रहे हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने जांच करने की जहमत नहीं उठाई।
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