याकूब कुरैशी का मीट प्लांट सील होगा, मजिस्ट्रेट और पुलिस फोर्स रहेगा तैनात
स्टे निरस्त किए जाने के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण अब 12 फरवरी को याकूब कुरैशी का मीट प्लांट सील करेगा। इस दौरान प्रशासन की ओर से पुलिस बल की भी व्यवस्था की गई है।
By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 11:36 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 11:42 AM (IST)
मेरठ, जेएनएन। याकूब कुरैशी के मीट प्लांट पर 12 फरवरी को सील लगाई जाएगी। इस दौरान प्रशासन ने मजिस्ट्रेट और पर्याप्त पुलिस बल मुहैया कराने का आश्वासन दे दिया है। ताकि सील लगाने की कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा का सामना किया जा सके।
स्टे निरस्त, एमडीए ने कमर कसी
याकूब कुरैशी के मीट प्लांट पर सील लगाने और ध्वस्तीकरण करने का आदेश कोई नया नहीं है। स्याना बवाल के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) ने 18 दिसंबर को सील लगाने की तिथि तय की थी, लेकिन मीट प्लांट की ओर से स्टे ले लिया गया था। अब शासन द्वारा मीट प्लांट का स्टे निरस्त करते ही एमडीए ने फिर से तैयारी करते हुए प्लांट पर सील लगाने की तिथि 12 फरवरी निश्चित की है। जोन-ए के जोनल अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्लांट पर सील लगाने की तैयारी पूरी हो गई है।
यह है प्रकरण
मीट प्लांट करीब13.1788 हेक्टेयर में है। इसमें से 0.544 हेक्टेयर रोड वाइडनिंग,1.13 हेक्टेयर ग्रीन वर्ज व 10.75 हेक्टेयर सार्वजनिक सुविधाओं की भूमि है। औद्योगिक भूमि 0.137 हेक्टेयर ही है। प्लांट के मानचित्र के लिए दो वर्ष पहले आवेदन किया गया था, लेकिन एमडीए ने मानचित्र स्वीकृत नहीं किया। यह प्रकरण कमिश्नर न्यायालय में भी गया था। न्यायालय ने फैसले में कहा था कि प्लांट ग्रीन वर्ज, रोड वाइडनिंग से कब्जा हटा ले और सार्वजनिक सुविधाओं की बराबर भूमि प्रशासन को उपलब्ध करा दे तो भू उपयोग परिवर्तन करते हुए मानचित्र स्वीकृति पर विचार किया जा सकता है। इस फैसले के खिलाफ प्लांट के निदेशक इमरान ने शासन में अपील की दी थी और पुनरीक्षण की मांग की थी। उनकी पुनरीक्षण की अपील 24 जनवरी 2019 को दिए फैसले में शासन ने खारिज कर दी।
स्टे निरस्त, एमडीए ने कमर कसी
याकूब कुरैशी के मीट प्लांट पर सील लगाने और ध्वस्तीकरण करने का आदेश कोई नया नहीं है। स्याना बवाल के बाद मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) ने 18 दिसंबर को सील लगाने की तिथि तय की थी, लेकिन मीट प्लांट की ओर से स्टे ले लिया गया था। अब शासन द्वारा मीट प्लांट का स्टे निरस्त करते ही एमडीए ने फिर से तैयारी करते हुए प्लांट पर सील लगाने की तिथि 12 फरवरी निश्चित की है। जोन-ए के जोनल अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि प्लांट पर सील लगाने की तैयारी पूरी हो गई है।
यह है प्रकरण
मीट प्लांट करीब13.1788 हेक्टेयर में है। इसमें से 0.544 हेक्टेयर रोड वाइडनिंग,1.13 हेक्टेयर ग्रीन वर्ज व 10.75 हेक्टेयर सार्वजनिक सुविधाओं की भूमि है। औद्योगिक भूमि 0.137 हेक्टेयर ही है। प्लांट के मानचित्र के लिए दो वर्ष पहले आवेदन किया गया था, लेकिन एमडीए ने मानचित्र स्वीकृत नहीं किया। यह प्रकरण कमिश्नर न्यायालय में भी गया था। न्यायालय ने फैसले में कहा था कि प्लांट ग्रीन वर्ज, रोड वाइडनिंग से कब्जा हटा ले और सार्वजनिक सुविधाओं की बराबर भूमि प्रशासन को उपलब्ध करा दे तो भू उपयोग परिवर्तन करते हुए मानचित्र स्वीकृति पर विचार किया जा सकता है। इस फैसले के खिलाफ प्लांट के निदेशक इमरान ने शासन में अपील की दी थी और पुनरीक्षण की मांग की थी। उनकी पुनरीक्षण की अपील 24 जनवरी 2019 को दिए फैसले में शासन ने खारिज कर दी।
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