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विश्व फोटोग्राफी दिवस: कैमरा लेकर चले थे तीन दोस्त, पीछे मुड़कर देखा तो कारवां था

World Photography Day तीन दोस्तों ने मिलकर खड़ा किया सहारनपुर में फोटोग्राफी क्लब।

By Taruna TayalEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 08:47 AM (IST)
विश्व फोटोग्राफी दिवस: कैमरा लेकर चले थे तीन दोस्त, पीछे मुड़कर देखा तो कारवां था
विश्व फोटोग्राफी दिवस: कैमरा लेकर चले थे तीन दोस्त, पीछे मुड़कर देखा तो कारवां था

सहारनपुर, [अश्वनी त्रिपाठी]। तीन दोस्तों ने मिलकर सहारनपुर में शौकिया फोटोग्राफी का नया अध्याय लिख दिया। तीनों दोस्त अलग पेशे से थे। अमित कक्कड़ फाइनेंस सेक्टर से तो डा. विवेक बनर्जी बाल रोग विशेषज्ञ। इनके तीसरे साथी थे मनोज सिंह एआरटीओ। फोटोग्राफी का शौक तीनों की रगों में समाया हुआ था, अमित कक्कड़ ने तो जब फोटोग्राफी के शौक से अन्याय होते देखा तो नौकरी छोड़कर इसे अपनी जिंदगी ही बना लिया। अब वह पूर्णकालिक फोटोग्राफर हैं।

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पिछले दस सालों में इन तीनों ने अपना शौक पूरा करने के साथ यह तय किया कि शहर में नए फोटोग्राफर्स की टीम तैयार करेंगे। इसके लिये तीनों ने अथक परिश्रम किया। निशुल्क प्रशिक्षण शिविर लगाए। नतीजा यह रहा कि सहारनपुर में सौ से अधिक प्रशिक्षित एवं जुनूनी फोटोग्राफर्स का ग्रुप तैयार हुआ, जिन्हें जोड़कर सहारनपुर फोटोग्राफी क्लब बनाया गया। क्लब के सदस्य देश-दुनिया के हर कोने में जाकर अपना शौक पूरा कर विश्वस्तरीय फोटोग्राफी करते हैं।

जब फोटो ठीक नहीं आए तो फोटोग्राफर बने अमित

फोटाग्राफर अमित कक्कड़ हिमालय यात्रा पर गये थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने देखा कि उनकी ली हुई फोटो ठीक नहीं आईं। उन्होंने यहीं से फोटोग्राफी सीखने का मन बनाया। यह शौक बढता गया, आगे जाकर डा. विवेक बनर्जी और मनोज कुमार से मुलाकात हुई तो शौक जुनून में बदल गया। तीनों ने मिलकर शहर में नौजवान फोटाग्राफर्स का नया क्लब बनाया। यह तीनों देश दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जाकर फोटोग्राफी करते हैं।

पहले कुदरत को देखते थे, फिर कैमरे में कैद करने लगे विवेक

डा विवेक बनर्जी बच्चों के डाक्टर हैं। बचपन से नेचर वाचर थे। बड़े हुये तो कुदरत को कैमरे में कैद करने में आनंद आने लगा। उन्होंने लद्दाख से लेकर केरला तक पूरे देश में फोटोग्राफी की। वह खासतौर पर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हैं। अफीका के कीनिया में भी फोटोग्राफी कर चुके हैं।

यहां फोटोग्राफी में कई हैं सितारे

सहारनपुर फोटोग्राफी क्लब के कई नाम फोटोग्राफी में अच्छा काम कर रहे हैं। इनमें डा. सुबीर चटर्जी, जो कि एनीमल मेडिसिन फैक्ट्री चलाते हैं। इसके साथ वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का शौक पूरे देश में पूरा करते हैं। राव तल्हा फरहत ने एमबीए किया है। वह शिवालिक व आसपास के इलाकों में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी करते हैं। अशोक कुमार वर्मा पेशे से सर्राफे हैं। इसके अलावा शाकिर, अरमान, दानिश, प्रणव, शिवा, सईम मलिक, हर्ष, विवेक शर्मा, राम कुमार चावला, अनुराग सक्सेना, दीपांशु बब्बर, अरुण, आरके तोमर आदि भी अव्वल दर्जे की फोटोग्राफी कर अपना शौक पूरा कर रहे हैं।

सहारनपुर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी का बेहतर प्लेटफार्म

सहारनपुर में शिवालिक वन क्षेत्र का बड़ा भाग आता है, यह हाथी रेंज है, इसे टाइगर रिजर्व घोषित कराने की कोशिश चल रही है। वेस्ट यूपी में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी के लिहाज से सहारनपुर बेहद समृद्ध है।

क्यों मनाते हैं विश्व फोटोग्राफी दिवस

दुनिया की सबसे पहली फोटोग्राफी प्रक्रिया डॉगोरोटाइप को 9 जनवरी, 1839 को विकसित किया गया था। इसके आविष्कार का ऐलान फ्रांस सरकार ने 19 अगस्त, 1839 में किया। इसलिये विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है।


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