Move to Jagran APP

World Diabetes Day 2019 : गणपति भोग में छिपा है मधुमेह मुक्ति का आशीर्वाद, जानिए कैसे Meerut News

World Diabetes Day 2019 मेरठ के वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डा. आलोक शर्मा मधुमेह को लेकर मंत्रों में छिपे विज्ञान पर शोध कर रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 09:53 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 09:53 AM (IST)
World Diabetes Day 2019 : गणपति भोग में छिपा है मधुमेह मुक्ति का आशीर्वाद, जानिए कैसे Meerut News

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। पौराणिक ग्रंथों में छिपा विज्ञान आज के चिकित्सा विज्ञान को नई राह दिखाता है। भगवान गणेश के लिए जिस भोग का उल्लेख है, वो मधुमेह का सटीक इलाज है। गणेश की आराधना के मंत्र कपित्थ जम्बू फल चारुभक्षणम में उन्हें जामुन और कत्था अर्पित करने को कहा गया है। चरक संहिता में इसे मधुमेह का अकाट्य इलाज बताया गया है।

loksabha election banner

विज्ञान पर कर रहे शोध

मेरठ के वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डा. आलोक शर्मा मंत्रों में छिपे विज्ञान पर शोध कर रहे हैं। बताते हैं कि चरक संहिता में मधुमेह के इलाज के लिए 50 महाकशाय का वर्णन है, जिसमें जामुन और कत्था भी शामिल हैं। लंबोदर को मोदक यानी लड्डू पसंद है। पेट बड़ा और वजन ज्यादा होने से मधुमेह की आशंका रहती है। डा. आलोक कहते हैं कि भगवान गणोश के भोग के पीछे पूरा विज्ञान है।

राजरोग भी है मधुमेह

डा. शर्मा ने बताया कि वह देवताओं को प्रसन्न करने वाले मंत्री और चिकित्सा विज्ञान के बीच संबंध पर काम कर रहे हैं। कहते हैं कि संभव है कि भगवान गणेश को मधुमेह के लक्षण रहे हों। आयुर्वेद में मधुमेह को राजरोग कहा गया है। कारण, ये बीमारी आरामतलब लोगों में ज्यादा मिलती है। भगवान गणेश का व्यक्तित्व भी काफी कुछ ऐसा ही बताया गया है।

अमृत है जामुन और कत्था

जामुन के बीजों में मिलने वाला जंबोलिन ग्लूकोसाइट शरीर में पहुंचकर भोजन के साथ ग्रहण किए गए स्टार्च को शुगर में नहीं बदलने देता। इससे शुगर नियंत्रित रहती है। जामुन पित्त के प्रकोपों को दूर करती है। जामुन की गुठली का चूर्ण रोजाना लेने से रक्त शुगर नियंत्रित रहती है। कत्था के पिसे हुए बीज रोजाना पांच ग्राम या मेथी का रस लेने से भी लाभ मिलता है।

इनका कहना है

भगवान गणेश की आराधना का मंत्र.गजाननं भूतगणाधिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम से पता चलता है कि लड्डू खाने के दौरान मधुमेह से बचाने के लिए कत्था व जामुन भी खाते हैं, जिसका जिक्र चरक संहिता के 50 महाकशाय में है। मैं ऐसे कई मंत्रों में चिकित्सा का अकाट्य विज्ञान खोज रहा हूं।

- डा. आलोक शर्मा, आयुर्वेदाचार्य

आयुर्वेद में जामुन को अमृततुल्य माना गया है। अम्लीय होने के कारण इसे नमक के साथ खाते हैं। अन्य फलों की तुलना में ये कम कैलोरी देती है और शुगर में बेहद लाभकारी है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और रक्त निर्माण में तांबा के जरिए भी मदद करती है।

- डा. ब्रजभूषण शर्मा, आयुर्वेदाचार्य 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.