'नौकरीपेशा पत्नी को भी भरण-पोषण पाने का अधिकार'
पत्नी यदि कोई रोजगार अथवा नौकरी आदि करती है। तब भी वह अपने पति से भरण पोषण का दावा कर सकती है। वहीं यदि कोई महिला घेरलू हिसा का शिकार हुई है। तब यह जरूरी नहीं है कि वह अपनी सहायता व न्याय के लिए स्वयं ही प्रार्थना पत्र दे।
मेरठ, जेएनएन। पत्नी यदि कोई रोजगार अथवा नौकरी आदि करती है। तब भी वह अपने पति से भरण पोषण का दावा कर सकती है। वहीं, यदि कोई महिला घेरलू हिसा का शिकार हुई है। तब यह जरूरी नहीं है कि वह अपनी सहायता व न्याय के लिए स्वयं ही प्रार्थना पत्र दे। उस महिला के हक में उसके रिश्तेदार, जान-पहचान के लोग अथवा पड़ोसी तक भी प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व मुख्य अतिथि कुलदीप सिंह ने शनिवार को यह जानकारी दी। मिशन शक्ति अभियान के तहत यूट्यूब के माध्यम से शनिवार को वेबिनार हुआ। सचिव ने बताया कि महिला के साथ कई बार घरेलू हिसा होने पर लोग यह सोचने लगते हैं कि हम कैसे उनकी कोई मदद कर सकते हैं। कोई भी उनकी मदद के लिए आगे आ सकता है। विधिक सहायता भी निश्शुल्क मिलेगी। सचिव ने बताया कि यदि कोई महिला पति के स्तर से कमतर कोई रोजगार कर रही है। अपने रोजगार अथवा नौकरी को लेकर उनके मन में कोई असुरक्षा की भावना है। पति उनकी तुलना में किसी सरकारी नौकरी में हैं और उनसे कहीं ज्यादा वेतन पाते हैं। महिला पूर्णत: अपना खर्च उठाने में सक्षम नहीं है तो वह धारा-125 के तहत पति से भरण-पोषण पाने का अधिकार रखती है। सचिव ने दहेज उत्पीड़न, कार्यस्थल पर लैंगिक हिसा, संपत्ति में महिलाओं के अधिकार, मातृत्व लाभ, यौन उत्पीड़न, तीन तलाक, बाल श्रम, पाक्सो अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम पर विस्तार से जानकारी दी।
उप निदेशक महिला कल्याण महेश कंडवाल ने महिला कल्याण द्वारा चलायी जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्रीती सगर ने जिला संरक्षण इकाई, महिलाओं व बालिकाओं से संबंधित हेल्पलाइन 1090 वूमन पावर लाइन, 112 पुलिस सहायता, 1098 चाइल्ड लाइन व 108 स्वास्थ्य सेवा आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। संचालन बाल संरक्षण इकाई के मंडलीय सलाहकार गुरमुख सिंह ने किया। इस दौरान महिला कल्याण अधिकारी माधुरी शर्मा, जिला समन्वयक नेहा त्यागी व खशुबू शर्मा, दीपिका भटनागर, कई स्कूलों की प्रधानाचार्य, शिक्षिकाएं, छात्राएं आदि शामिल रहे।