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मेरठ में हवाई अड्डे के लिए समझौते से ली गई जमीन तो देने होंगे 796 करोड़ Meerut News

मेरठ की परतापुर हवाई पट्टी का चौड़ीकरण करके हवाई अड्डा बनाने की दिशा में अब तेजी से काम होता दिखाई दे रहा है। दोनों चरणों के लिए कुल 163 हेक्टेयर जमीन की आवश्‍यकता है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 10:50 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 10:50 AM (IST)
मेरठ में हवाई अड्डे के लिए समझौते से ली गई जमीन तो देने होंगे 796 करोड़ Meerut News
मेरठ में हवाई अड्डे के लिए समझौते से ली गई जमीन तो देने होंगे 796 करोड़ Meerut News

मेरठ, [अनुज शर्मा]। मेरठ की परतापुर हवाई पट्टी का चौड़ीकरण करके हवाई अड्डा बनाने की दिशा में अब तेजी से काम होता दिखाई दे रहा है। जिला प्रशासन ने नागरिक उड्डयन विभाग के माध्यम से शासन को भूमि अधिग्रहण के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसके मुताबिक हवाई पट्टी के विस्तार के दोनों चरणों के लिए ली जाने वाली भूमि की व्यवस्था एकमुश्त की जाएगी। यानि एक बार में ही सौ फीसद जमीन की व्यवस्था की जाएगी।

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163 हेक्टेयर जमीन की जरूरत

इसके बाद हवाई पट्टी का चरणबद्ध विस्तार भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण करता रहेगा। प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों चरणों के लिए कुल 163 हेक्टेयर जमीन की आवश्‍यकता है। इसमें 125 हेक्टेयर भूमि किसानों की है। बाकी सरकारी और विभिन्न विभागों की है। किसानों से यदि आपसी समझौते के आधार पर भूमि ली जाती है तो कुल 796 करोड़ रुपया खर्च होगा। किसानों से यदि भूमि की दरों पर सहमति नहीं बनती है तो उस स्थिति में 566.01 करोड़ रुपया खर्च होगा।

गगोल गांव का बनाना होगा नया रास्ता

हवाई पट्टी का विस्तार होने पर उसकी सीमा में गगोल गांव को जाने वाला रास्ता भी शामिल हो जाएगा। इस स्थिति में गांव के लिए नया रास्ता बनाना होगा। इस रास्ते के लिए हवाई पट्टी के प्रोजेक्ट में 56,587 वर्ग मीटर अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसकी कीमत 17.52 करोड़ होगी।

भूमि खरीदने के सुझाए दो उपाय

जिला प्रशासन की रिपोर्ट में प्रदेश शासन को हवाई पट्टी के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण को दो रास्ते सुझाए गए हैं। जिसमें पहला रास्ता भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2015 के मुताबिक निर्धारित नियमों (ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल रेट का चार गुनी और शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट का दो गुनी कीमत) के तहत जमीन की कीमत का मुआवजा भुगतान करके भूमि का अधिग्रहण करने का है। जबकि दूसरा रास्ता किसानों से आपसी समझौते के आधार पर भूमि लेने का है।

किसान हैं सहमत

जिला प्रशासन ने अपने प्रस्ताव में लिखा है कि पूर्व में दिनांक 12 दिसंबर 2014 को ग्रामीणों और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों के बीच आपसी समझौते के तहत 5800 रुपये वर्ग मीटर की दर से भूमि क्रय की गई थी। वर्तमान में भी अधिकांश किसान इसी दर पर सहमत हैं। प्रस्ताव में स्पष्ट लिखा गया है कि सभी किसानों से इसी दर पर सहमति प्राप्त करने की कार्रवाई की जा रही है।

इनका कहना है

हमने हवाई पट्टी विस्तार के लिए भूमि की व्यवस्था करने के लिए शासन को दोनों रास्ते सुझाये हैं। अब शासन से जो आदेश मिलेगा, उसी रास्ते पर काम किया जाएगा। अधिकांश किसान आपसी सहमति से तय दर पर भूमि देने को राजी भी हैं। लेकिन उक्त दर पर भूमि लेने के लिए 230 करोड़ रुपया अतिरिक्त खर्च होगा।

- अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी

उड़ान के लिए मांगा बजट

प्रदेश सरकार का बजट जल्द ही आने वाला है। इसलिए इस बजट में मेरठ के लिए प्रस्तावित हवाई उड़ान के लिए भी बजट देने की सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की है। उन्‍होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने याद दिलाया है कि मेरठ की हवाई पट्टी का विस्तार किया जाना है। जिसके लिए प्रदेश सरकार को जमीन खरीदकर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देनी है।

उम्‍मीदों को लगे पंख

विस्तार के लिए आवश्यक जमीन मिलते ही वह सपना पूरा हो जाएगा जिसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमेशा मेरठ में उड़ान सेवा शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई है, इसलिए उम्मीद है कि जमीन खरीद के लिए सरकार जल्द धन आवंटित करेगी। गौरतलब है कि आवश्यक जमीन व उसके ऊपर खर्च होने वाली धनराशि के आकलन का प्रस्ताव डीएम ने शासन को भेज दिया है।


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