कंप्यूटर पर सीख रहीं बाइक चलाना, अब रफ्तार से अपराधियों पर वार करेंगी महिला दारोगा Meerut News
कंप्यूटर के माध्यम से 260 महिला दारोगा को बाइक चलाना पीटीएस सीखा रही है। इनको हफ्ते में एक बार वर्चुवअल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मेरठ [अभिषेक कौशिक] जल्द ही रफ्तार से महिला दारोगा अपराधियों पर वार करेंगी। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस) में प्रशिक्षु महिला दारोगा को बाइक सिमुलेटर (कंप्यूटर पर बाइक चलाना) से वाहन चलाना सिखाया जा रहा है। सप्ताह में एक बार उन्हें इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही वर्चुअल क्लास के जरिए देश-दुनिया के साथ ही नियमों का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है।
पीटीएस में 260 महिला दारोगा प्रशिक्षण ले रही हैं। भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए उन्हें रफ्तार की एबीसीडी सिखाई जा रही है। बाइक सिमुलेटर के जरिए वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सप्ताह में एक दिन एक टोली (30 से 35 प्रशिक्षु) को प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान उन्हें क्लच, रेस, ब्रेक से लेकर इंडीकेटर और स्पीड लिमिट की जानकारी दी जाती है। गलती करने पर कंप्यूटर पर संदेश आ जाता है। प्रशिक्षु दारोगा के अलावा आरक्षी को भी दोपहिया वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके बाद उन्हें मैदान और फिर सड़क पर बाइक चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। आइजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए बाइक सिमुलेटर से प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फायरिंग का प्रशिक्षण भी इसी तरह से दिया जा रहा है।
चार माह बाद दिखेगी रफ्तार
महिला दारोगाओं का प्रशिक्षण जून 20 में पूरा हो जाएगा। आठ माह के प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं का काफी हद तक बाइक चालानी आ गई है। उनको फील्ड पर भी अभ्यास कराया जा रहा है। एक साल के प्रशिक्षण के बाद उनको अलग-अलग जिलों में तैनाती मिल जाएगी।
एक कंप्यूटर और तीन स्क्रीन
बाइक सिमुलेटर के प्रशिक्षण के दौरान कक्ष में एक बाइक होती है और सामने कंप्यूटर। टेबल पर तीन स्क्रीन भी लगी होती हैं। प्रशिक्षण के दौरान महिला दारोगा को ऐसा अनुभव होता है, जैसे वह बाइक ही चला रही हों। कंप्यूटर पर गति सीमा, मोड़ आने पर क्या करना चाहिए आदि की जानकारी भी चलती रहती है।
लूट और स्नेचिंग की घटनाओं पर लगेगा ब्रेक
मोबाइल और पर्स लूट के अलावा चेन स्नेचिंग की घटनाओं ने हर थाने में अपराध का ग्राफ बढ़ा रखा है। बाइक सवार बदमाश आते हैं और वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। कई बार महिला पुलिस के सामने भी अपराधी वारदात को अंजाम दे देते हैं, लेकिन तेजी से दौड़ने वाला वाहन नहीं होने पर बदमाश फरार हो जाते हैं।