खुश रहकर महिलाएं दे रही हैं, जिंदादिली का सुबूत
लॉकडाउन में भी फ्रेंड्स के साथ कैसे एंजॉय करके खुश रहा जा सकता है इसका हुनर कोई महिलाओं से सीखे। घरों में बंद रहने और घर के सभी काम निपटाने के बाद महिलाएं लॉकडाउन में सोशल मीडिया और ऑनलाइन के माध्यम से न सिर्फ एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं बल्कि पूरी मौज-मस्ती भी कर रही हैं।
मेरठ, जेएनएन। लॉकडाउन में भी फ्रेंड्स के साथ कैसे एंजॉय करके खुश रहा जा सकता है, इसका हुनर कोई महिलाओं से सीखे। घरों में बंद रहने और घर के सभी काम निपटाने के बाद महिलाएं लॉकडाउन में सोशल मीडिया और ऑनलाइन के माध्यम से न सिर्फ एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, बल्कि पूरी मौज-मस्ती भी कर रही हैं। फिर चाहे वह ऑनलाइन तंबोला खेलना हो, मेकअप कर पोछा लगाना हो या फिर आइलाइनर लगाने का टास्क ही क्यों न हो। महिलाएं सभी गतिविधियों में भाग लेकर लॉकडाउन में जिंदादिली का सुबूत दे रही हैं।
काफी समय से शारीरिक दूरी और लॉकडाउन का पालन करते हुए महिला क्लब और संस्थाओं में कोई गतिविधि और सभा नहीं की जा रही है, लेकिन महिलाएं चाहे ऑनलाइन खेलने की बात हो, मेकअप कर घर में काम करने की बात हो या फिर स्वादिष्ट खाना बनाने का चैलेंज लेना हो, महिलाओं ने लॉकडाउन में खुद को पूरी तरह से व्यस्त रखा हुआ हैं।
ऑनलाइन चल रही हैं एक्टीविटी
इनरव्हील क्लब ऑफ मेरठ की इंटरनेशनल सर्विस ऑफिसर डॉ. श्वेता जैन बताती हैं कि किटी पार्टी, गेट-टूगेदर और मीटिंग का दौर भले ही न हो, लेकिन क्लब की सभी महिलाएं सोशल मीडिया और वीडियों कॉलिंग के माध्यम से लॉकडान में भी पूरा तरह से एंजॉय कर रही हैं। एक निश्चित समय तय करके तंबोला भी खेला जाता हैं। ताश की बाजी भी लगती है और नई-नई एक्टीविटी भी हो रही हैं, जो काफी फनी हैं। इससे लॉकडाउन में भी एक-दूसरे से दूर होने का अहसास नहीं होता है।
हर सप्ताह हो रहा है कुछ नया
रोटरी क्लब माइलस्टोन की सदस्य स्वाति गुप्ता और सुरभि बिंदल का कहना है कि तंबोला, ताश और कभी-कभी शतरंज की बाजी भी लग जाती है। इसके अलावा ग्रुप पर नए-नए चैलेंज भी लिए जा रहे हैं, जिसे एक निश्चित समय में पूरा करना होता है। फिर चाहे आठ महिलाओं में कुकिंग प्रतियोगिता हो या फिर कम से कम समय में पोछा लगाने का चैलेंज। लॉकडाउन में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मन से हम सभी एक-दूसरे के करीब हैं।