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शुरू हुई सर्दी, रैन बसेरों में इंतजाम अभी अधूरे

मेरठ, जेएनएन। गुरुवार को मौसम खराब होने के साथ ही ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में रैन बसेरों की

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 07:02 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 07:02 AM (IST)
शुरू हुई सर्दी, रैन बसेरों में इंतजाम अभी अधूरे
शुरू हुई सर्दी, रैन बसेरों में इंतजाम अभी अधूरे

मेरठ, जेएनएन। गुरुवार को मौसम खराब होने के साथ ही ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। ऐसे में रैन बसेरों की उपयोगिता महत्वपूर्ण हो जाती है। यही वह स्थान होते हैं जहां पर निराश्रित ठहर कर ठंड के प्रकोप से बच सकते हैं। पर अफसोस की बात है कि रैन बसेरे अभी निराश्रितों के ठहरने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। अधिकांश रैन बसेरों में बिस्तर तो पहुंचा दिए गए हैं लेकिन सफाई और केयर टेकर नदारद हैं।

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मेरठ महानगर के अंदर नगर निगम के 12 रैन बसेरे और डूडा के चार आश्रय केंद्र हैं। जिनमें कुल 360 निराश्रितों के रहने की व्यवस्था है। रैन बसेरे पल्लवपुरम फेज एक, कासमपुर पहाड़ी, खड़ौली, मुल्तान नगर, टाउनहाल परिसर, बच्चा पार्क, तिरंगा गेट, शेरगढ़ी, मेडिकल कालेज परिसर, सूरजकुंड डिपो के पीछे, सूरजकुंड पानी टंकी के समीप स्थित हैं। जबकि चार आश्रय केंद्र बराल परतापुर, मुकुट महल के पीछे, रोहटा रोड और गढ़ रोड मेडिकल कालेज के समीप स्थिति हैं। गुरुवार दोपहर एक बजे जागरण की टीम नगर निगम के टाउनहाल परिसर स्थित रैन बसेरे पर पहुंची तो यहां पर कोई नहीं मिला। केयर टेकर मौजूद नहीं थे। गेट खुला था कमरे में बिस्तर पड़े थे। फर्श पर धूल जमी थी। दो हाथ ठेले गैलरी में खड़े थे। यही स्थिति मुल्तान नगर के रैन बसेरे की थी। दिल्ली रोड मुकुट महल के पीछे आश्रय केंद्र में बेड और बिस्तर दोनों मौजूद हैं। लेकिन यहां तक निराश्रित का पहुंचना मुश्किल है। क्योंकि दिल्ली रोड पर रैपिड रेल प्रोजेक्ट का काम चालू होने से आश्रय केंद्र का रास्ता छिप गया है। नगर निगम और डूडा के अधिकारियों ने आश्रय केंद्र तक पहुंचने के लिए रास्ते पर कहीं भी मार्किंग नहीं कराई है। न ही कोई नोटिस बोर्ड लगाया गया है। इन रैन बसेरों व आश्रय केंद्र के हाल से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य रैन बसेरे और आश्रय केंद्र किस हाल में होंगे।

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मरम्मत और रंगाई-पुताई में देरी

रैन बसेरों की मरम्मत व रंगाई-पुताई में भी देरी की जा रही है। ठंड शुरू हो चुकी है। लेकिन निर्माण अनुभाग ने अभी मरम्मत व रंगाई-पुताई का टेंडर निकाला है। जो कि छह दिसंबर को खुलेगा। लगभग 15 दिन में ये काम समाप्त हो पाएंगे।

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यह इंतजाम बेहद जरूरी

- बेड, रजाई, गद्दा, तकिया, चद्दर व बिस्तर ।

- पीने का शुद्ध पानी और साफ गिलास।

- पुरुष व महिलाओं को लिए अलग-अलग कक्ष।

- कोरोना महामारी से बचाव को मास्क, सैनिटाइजर।

- प्रकाश व्यवस्था व नियमित साफ-सफाई ।

- रैन बसेरों में साफ-सुथरे शौचालय व स्नानागार।

- हाथ धोने व स्नान के लिए साबुन व बाल्टी।

- आगंतुक की जानकारी के लिए एक रजिस्टर।

- केयर टेकर व सफाई कर्मचारी की तैनाती।

- अत्यधिक ठंड में अलाव की व्यवस्था।

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- केयर टेकर न होने और सफाई से संबंधित शिकायत मिली है। इसे दिखवाया जाएगा। रैन बसेरों और आश्रय केंद्रों का निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी।

- ब्रजपाल सिंह, सहायक नगर आयुक्त प्रथम।


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