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रैपिड को लेकर क्‍यों विरोध कर रहे मेरठ के व्‍यापारी? प्रशासन के सामने रखा खास प्रस्‍ताव Meerut News

मेरठ में रैपिड रेल को लेकर व्‍यापारियों का विरोध तेज हो गया है। इस विरोध के दौरान ही व्‍यापारियों ने प्रशासन के सामने कुछ खास प्रस्‍तावा भी रखा है। व्‍यापारियों का कहना है कि रैपिड रेल के स्‍टेशन निर्माण कार्य से उनके रोजी-रोटी पर भी संकट आ सकता है।

By Himanshu DiwediEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 03:08 PM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 03:08 PM (IST)
रैपिड को लेकर क्‍यों विरोध कर रहे मेरठ के व्‍यापारी? प्रशासन के सामने रखा खास प्रस्‍ताव Meerut News
साकेत स्थित रेपिड रेल के कार्यालय पर मिलने पंहुचे तहसील के पास टैक्सी स्टेंड के दुकानदार।

मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल को लेकर दिल्ली रोड स्थित अशोक मार्केट के व्यापारियों ने विरोध तेज कर दिया है। उनका कहना है कि यह दुकाने बंद हुई तो वे सड़क पर आ जाएंगे। अशोक मार्केट व्यापार संघ के अध्यक्ष रविदत्त गुप्ता ने कहा कि बाजार की 17 दुकानें, जिन्हें जानकारी दी गई है। वह बरसों से यहां व्यापार करते आए हैं। व्यापारियों ने रैपिड के अधिकारियों को अशोक की लाट के सामने सुझाव के तौर पर प्रवेश निकासी द्वार बनाने का विकल्प दिया है। वह जल्द ही जिले के प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर अपनी बात को रखेंगे। इससे पहले बेगमपुल पर गड्ढा बाजार के व्यापारी भी विरोध कर रहे हैं।

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यह है पूरा मामला 

दरअसल, मेरठ में रैपिड रेल का निर्माण हो रहा है। ऐसे में जगह- जगह इसके स्‍टेशन का निर्माण कार्य होना है। जिसे लेकर कई दुकाने इसकी जद में आ सकती है। अब इसी की डर को देखते हुए दिल्‍ली रोड स्थित अशोक मार्केट के 17 दुकानों के व्‍यापारी प्रशासन से प्रवेश और निकासी द्वार बदलने का प्रस्‍ताव रखा है।

दिल्ली रोड स्थित तहसील के सामने अशोक मार्केट के व्यापारी बुधवार को साकेत स्थित एनसीआरटीसी के अधिकारियों से मिले थे। अशोक मार्केट व्यापार संघ के अध्यक्ष रविदत्त गुप्ता, महामंत्री शुएब और कोषाध्यक्ष सूरज सिंह के नेतृत्व में व्यापारियों ने भैंसाली बस रोडवेज वर्कशॉप के पास भूमिगत स्टेशन बनना है। जिसके लिए सड़क किनारे यात्रियों का प्रवेश-निकासी द्वार का निर्माण कराया जाएगा। दिल्ली रोड पर अजंता पंप के पास अशोक मार्केट की 17 दुकानें हैं। जहां पर प्रवेश-निकासी द्वार बनाया जाएगा। इन दुकानों में मोबाइल, स्पेयर पार्टस, टायर व ट्रांसपोर्ट आदि की दुकानें शामिल हैं।

व्यापारी इमरान खान का कहना है कि उनके पास दुकान के अलावा रोजीरोटी का कोई माध्यम नहीं है। यदि उनकी दुकानें प्रोजेक्ट में चली गई तो वह सड़क पर आ जाएंगे। इसलिए वह शुक्रवार को जिले के आला अधिकारियों से मिलकर अपनी पीड़ा को रखेंगे। लेकिन अधिकारियों ने छावनी परिषद से वार्ता करने की बात कही है। जिन व्यापारियों की दुकानें रैपिड में जाएंगी, उन व्यापारियों में मनोहर, पंकज, शहजाद, काशिफ, आरिफ व अरुण चौधरी आदि शामिल हैं। 


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