festive season में जगमग रोशनी से नहाया पूरा शहर, जानिए आपके लिए क्या खास है बाजार में Meerut News
पूरे शहर में अब त्योहारी सीजन की खुमारी है। सदर बाजार में प्रवेश करते ही लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों और डिजाइनर दीपक से सजी दुकानें सभी को आकर्षित कर रही हैं।
मेरठ, जेएनएन। festive season रंग-बिरंगी रोशनी के त्योहार दीपावली की रौनक अपने चरम पर पहुंच गई है, जहां तक नजर उठाओ रोशनी ही रोशनी बस झिलमिलाता प्रकाश ही प्रकाश। घरों को जहां लाल, पीली, नीली और गुलाबी लाइट से सजाया जा रहा है। वहीं शहर के बाजारों की रौनक भी देखते ही बन रही है। धनतेरस पर्व की पूर्व संध्या पर गुरुवार को शहर के बाजार आबूलेन, सदर, लालकुर्ती, शारदा रोड, बेगमपुल, सेंट्रल मार्किट और शास्त्रीनगर के बाजार देर रात तक खुले रहे।
बाजारों में उमड़ी भीड़
सुबह से ही महिलाओं और बच्चों की बाजारों में भीड़ लगी रही, और शाम होते ही शहर धनतेरस पर्व के स्वागत में रोशनी से चमक उठा। इसी रोशनी के बीच रंग बिरंगे कंदील, बंदनवार, आर्टिफिशियल फ्लावर, झालर, मिट्टी के दीपक, मिठाई, सोने-चांदी के आभूषण, पीतल कांसे के बर्तन, चीनी के खिलौने और ढेरों सजावटी वस्तुओं जिसमें देश के विभिन्न राज्यों और शहरों की झलक साफ देखने को मिल रही है।
लोगों को रिझा रही दुकानें
सदर बाजार में प्रवेश करते ही शिव चौक पर एक ओर लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों और डिजाइनर दीपक से सजी दुकानें सभी को आकर्षित कर रही हैं, तो वहीं कुछ आगे बढ़ते ही रंगोली के रंग, गुलाबी झूमर, लाल और पीली कंदील, मोतियों वाली लड़िया, आर्टिफिशियल गेंदे और गुलाब से बनी बंदनवार और राजस्थानी कला से सजी छोटी-बड़ी सजावटी घंटिया इतना कुछ है कि क्या खरीदे और क्या छोड़ दे समझना मुश्किल है, शारदा रोड बाजार का नजारा तो और भी अनोखा है। ऐसा मालूम होता है जैसे धनतेरस पर्व के लिए शहर में एक नया ही बाजार तैयार हो गया है।
कुछ ऐसा नजारा बाजारों का
हर दुकान के आगे सजावटी सामानों की एक नई दुकान है। जहां खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ दिन रात उमड़ रही है। ऐसा ही कुछ नजारा सेंट्रल मार्किट, लालकुर्ती और बेगमपुल मार्किट का भी है। देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर द्वार को सजाना है तो खरीदारी भी जमकर ही करनी होगी। धन की देवी लक्ष्मी पूजन और सजावट के लिए धनतेरस पर्व पर खूब खरीदारी होने वाली है, खासतौर पर बर्तन और गहनों के अलावा इस दिन वाहन और जमीन जायदाद खरीदना भी काफी शुभ माना जाता है। इसलिए धनतेरस के लिए शहर में जगह-जगह बर्तनों की दुकानें सजी हुई है। जहां धनतेरस पर्व पर जमकर खरीदारी होने वाली है।
बालकनी में सजेगी लालटेन
शहर में दीपावली की धूम अब हर जगह नजर आने लगी है। मुख्य सड़कों पर सजावट और त्योहार के मौके पर खरीदे जाने वाले सामान की दुकानें सजकर तैयार हैं। इस बार शहर में ज्योति पर्व पर ट्रेंड बदल गया है। जहां एक दशक पहले तक घरों को गेंदे के फूलों और आम के पत्तों से सजाया जाता था। वहीं अब बाजार में डेकोरेशन के लिए एक से बढ़ कर एक आर्टिफिशियल फूलों की झालर, बंदनवार और रंगोली सभी को लुभा रही हैं।
रेडीमेड रंगोली का क्रेज
कुछ वर्ष पहले तक महिलाएं दीपावली पर घर आंगन में रंगों से रंगोली बनाया करती थी। वहीं अब रेडीमेट रंगोली का क्रेज बढ़ रहा है। इन्हें कहीं भी आसानी से चिपकाया जा सकता है। यह रंगोली एक तरह से प्लास्टिक की प्लेट की तरह है। जिसपर अलग अलग डिजाइन बने हुए है। इनकी सबसे बड़ी खासियत है कि इन्हें कई प्रकार उपयोग किया जा सकता है। इनकी कीमत 50 से 500 रुपये तक है। इसके अलावा स्टीकर वाली रंगोली भी बाजार में मौजूद है।
आसमानी कंदील
दीपावली पर्व पर घर के बाहर कंदील ने सजे ऐसा नहीं हो सकता है। दो दशक पहले तक कागज और रंगीन पॉलीथिन की ही कंदील दिखाई देती थी। लेकिन अब कागज, कपड़े और यहां तक कि मेटल और कांच की कंदील भी बाजारों में छाई हुई है। जिनकी कीमत 50 रुपये से 500 रुपये तक है।
बालकनी में लालटेन
इस समय बाजार में मेटल के सजावटी सामान सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। ऐसे में बालकनी के लिए लालटेन, लाइट वाली कांच की बोतल और कई आकर्षक लैंप भी मौजूद है।
जयपुरी कंदील और वंदनवार
बाजार में मोती, मिरर वर्क और सीप-कौड़ी की कंदील और बंदनवार है, लेकिन जयपुरी और गुजराती कंदील और बंदनवार के डिजाइन सभी को खूब पसंद आ रहे हैं। इनकी खासियत है कि यह मल्टी कलर के साथ ही गोल, चौकोर और तिकोने कई आकार में है। इनका साइज भी सामान्य से कुछ छोटा है। लेकिन देखने में यह सबसे अलग और खास है।
दरवाजे और दीवार के लिए गुलाब की लड़ी
दीपावली पर्व पर घर का कोना कोना सजाया जाता है। ऐसे में घर के दरवाजे और दीवार कैसे अनदेखे रह सकते हैं। इस बार घर के मुख्य द्वार, दरवाजे और दीवारों को सजाने के लिए गुलाब के फूलों की लड़ी सबसे खास है। जो गुलाबी, लाल और सफेद-लाल कलर में मोतियों के साथ तैयार की गई है। जिनकी कीमत सौ से दो सौ रुपये तक है।
इनका कहना है
इस बार आर्टिफिशियल फूलों की बंदनवार के अलावा जयपुरी और गुजराती बंदनवार की भी काफी मांग है। इसके अलावा दरवाजे की लड़ी और झालर में भी काफी वैरायटी है। इन्हें दिल्ली और मुंबई से मंगवाया गया है। लोग सामान्य से हटकर कुछ नया पसंद कर रहे हैं
- राजू वर्मा, बंदनवार विक्रेता सदर बाजार
लोग ऐसे कंदील लेना पसंद कर रहे हैं। जिन्हें बालकनी या फिर गार्डन में दीपावली के बाद भी लगाया जा सके। इसलिए मेटल के कंदील की मांग सबसे ज्यादा है। जो कई रंगाेें और डिजाइनर में है।
- महेश कुमार, कंदील विक्रेता शारदा रोड