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Shradh 2020: शुभता का सूचक है पितृ पक्ष, खरीदारी करना निषेध नहीं, पढ़िए विद्वानों की राय Meerut News

Shradh 2020 पितृ पक्ष को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। इस अवधि में नई वस्तु खरीदना वर्जित माना जाता है। आइए खबर में जानते हैं विद्वानों की राय आखिर क्‍या है।

By Prem BhattEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 11:30 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 12:55 PM (IST)
Shradh 2020: शुभता का सूचक है पितृ पक्ष, खरीदारी करना निषेध नहीं, पढ़िए विद्वानों की राय Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Shradh 2020 पितृ पक्ष को लेकर लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। इस अवधि में नई वस्तु खरीदना वर्जित माना जाता है। धारणा है कि अगर हम कोई नई वस्तु खरीदेंगे तो वह शुभ नहीं होगी। शहर के विद्वानों ने इसका खंडन किया है। आइए इसी मुद्दे पर जानते हैं विद्वानों की राय।

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क्‍यों करेंगे हमारा अहित

आचार्य सुरेंद्र नाथ मणि, पीठाधीश्वर, वगलाधाम पीतांबरा पीठ, जागृति विहार का कहना है कि जो कल तक हमारे सामने थे, हमारे भरण-पोषण के दौरान हर छोटी-बड़ी परेशानी और दुख को दूर करने का प्रयास करते थे। वह परलोक गमन के बाद हमारा अहित क्यों करेंगे। यह धारणा पूरी तरह गलत है कि अगर हम पितृ पक्ष में खरीदारी करेंगे तो वह हमारे लिए अशुभ होगी। पितृ पक्ष में पूर्वजों की स्मृति में हम तर्पण और श्राद्ध करते हैं तो वह हमारा अशुभ और अहित कैसे कर सकते हैं। पितृ पक्ष में खरीदारी का निषेध न प्रेत मंजरी में और न ही गरुड़ पुराण में मिलता है। पितृ पक्ष में दान आदि दिया जाता है। अगर हम खरीदारी नहीं करेंगे तो दान कहां से देंगे। दान में वस्त्र, सामान और स्वर्ण देने तक का विधान है।

पितरों को देव तुल्य माना गया

डा. भारत भूषण चौबे, ज्योतिषाचार्य, बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय, सदर का कहना है कि शास्त्रों में पितरों को देव तुल्य माना गया है। ऐसे में पितृ पक्ष शुभता सूचक है। जिस पक्ष में पितर हमारे घर आते हो वह अशुभ कैसे हो सकता है। इस काल में खरीदारी न करने का कोई प्रमाण शास्त्रों में नहीं मिलता है। यह महज भ्रांति है कि पितृ पक्ष में कुछ खरीदारी नहीं करनी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों का श्रद्धाभाव से आह्वान करें। तर्पण और उनके निमित्त दान देकर उनकी उच्च स्थिति के लिए प्रार्थना करें। पूर्वज भाव के भूखे होते हैं।

पंचमी को भरणी श्राद्ध करने से गया के बरबार के पुण्य होगा

पितृपक्ष में पूर्वजों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध कर्म लोग श्रद्धाभाव से कर रहे हैं। न्यू मोहन पुरी स्थित दयालेश्वर महादेव मंदिर में पुजारी श्रवण झा ने विधिविधान से श्राद्ध पूजन कराया। बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय के डा. भारत भूषण चौबे ने बताया कि पंचमी को इस बार भरणी नक्षत्र है। इसे भरणी श्राद्धम के नाम से जाना जाता है। इस दिन तर्पण - श्राद्ध करने से गया में किए गए श्राद्ध कर्म का फल प्राप्त होता है।

जानिए तर्पण पर क्‍या कहते हैं लोग

पिता से सीखा ईमानदारी का पाठ

मेरे पिता नानक चंद बहुत मेहनती और ईमानदार थे और उन्होंने मुझे हमेशा मेहनत और ईमानदारी का पाठ पढ़ाया। मैंने उनकी कही बातों को जीवन में उतारा। आज मैं जो कुछ भी हूं उनके आशीर्वाद से हूं। मैं अपने बच्चों को भी पिताजी की कही बात समझता हूं। जिससे वह अपने जीवन में सफल हो सकें।

- राकेश कटारिया

नियमित देता हूं सूर्य को जल

मेरे पिता शिवप्रसाद शर्मा ने हमेशा सादगी का जीवन व्यतीत किया। मेरी माताजी का कहना है कि पितृपक्ष में सूर्य को जल चढ़ाने से दिवंगत आत्मा को सीधा जल मिलता है। इसलिए मैं हमेशा सूर्य को जल चढ़ता हूं।

- प्रदीप कुमार, कृष्णलोक

पिता के सिद्धांतों पर चलता हूं

मेरे पिता अजित कुमार जैन ने हमेशा समाज सेवा की। अपने सिद्धांतों पर चलते हुए उन्होंने कर्तव्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया। उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी उनके जैसा बनने का प्रयास कर रहा हूं।

- मनोज जैन, बेगमपुल


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