ओपीडी खुली तो एंटी-रेबीज के लिए पहुंचे सबसे ज्यादा मरीज
कोरोना की दूसरी लहर थमने पर महीनों बाद जिला अस्पताल की ओपीडी खुली जिसमें शनिवार क
मेरठ,जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर थमने पर महीनों बाद जिला अस्पताल की ओपीडी खुली, जिसमें शनिवार को सर्वाधिक मरीज एंटी रेबीज का टीका लगवाने पहुंचे। पहले दिन 265 और दूसरे दिन 228 मरीजों ने ओपीडी और इमरजेंसी में पहुंचकर इलाज प्राप्त किया। डाक्टरों ने माना कि हर मौसम में कुत्तों के शिकार मरीजों की संख्या ज्यादा होती है, जबकि इतने मरीज फ्लू ओपीडी में भी नहीं आए।
जिला अस्पताल के एसआइसी डा. हीरा सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार ने सर्जिकल ओपीडी शुरू करने के लिए कहा है। संक्रमण की वजह से सभी प्रकार की ओपीडी बंद कर दी गई थी। ऐसे में कई इमरजेंसी आपरेशन टालने पड़े। अब इन मरीजों को ओपीडी में बुलाकर स्क्रीनिंग की जा रही है। कई मरीजों की रेडियोडाइग्नोस्टिक जाच की गई है। लंबे समय बाद शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी खोली गई, जिसमें आम दिनों से एक चौथाई मरीज ही पहुंचे। कोविड प्रोटोकाल के साथ मरीजों को देखा गया। डा. हीरा सिंह ने बताया कि दो दिनों में 66 मरीजों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगा, जबकि सर्जरी में भी इतने ही मरीज पहुंचे। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि सीएचसी में भी सíजकल ओपीडी संचालित करने पर जोर है। दो दिनों में ये रहा मरीजों का ट्रेंड
विभाग पहुंचे मरीज
रेबीज विभाग 66
सर्जरी 66
हड्डी रोग 44
मेडिसिन 38
नेत्र रोग 33
फ्लू ओपीडी 30
आयुष 17
ईएनटी 14
बाल रोग 12
स्किन 06 307 सैंपल में से एक मिला संक्रमित: भामौरी गांव में शनिवार को एक युवक की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव मिली। जिसे विभाग ने होम क्वारंटाइन कर दिया।
सीएचसी प्रभारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि शनिवार को 307 लोगों की सैंपलिग की गई। जिसमें से भामौरी गांव का एक युवक कोरोना पाजिटिव मिला। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के 150 व 45 से ऊपर के 322 लोगों को टीकाकरण किया गया। वहीं, दबथुवा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 18 से 44 वर्ष 190 लोगों को डा. प्रवीण कुमार की देखरेख में वैक्सीन लगाई गई। फार्मेसिस्ट रामकुमार, उषाकमल, नीलम रानी, साक्षी यादव, शंभू आदि मौजूद रहे।