Weather Update: आसमान साफ, धूप निकलने से बारिश होने की संभावनाएं हुईं धूमिल Meerut News
शनिवार को सुबह से झमाझम बरसने के बाद दोपहर में निकली धूप ने उमस और गर्मी से परेशान कर दिया। वहीं रविवार की सुबह भी आसमान साफ नजर आया और धूप निकल आई।
मेरठ, जेएनएन। Weather Update शनिवार को सुबह से झमाझम बरसने के बाद दोपहर में निकली धूप ने उमस और गर्मी से परेशान कर दिया। वहीं रविवार की सुबह भी आसमान साफ नजर आया और धूप निकल आई। आज रविवार को सुबह तो नहीं लगता है कि बारिश होने की कोई संभावना बन रही है। दिन में उमस और गर्मी का प्रकोप ही रहने की उम्मीद है। इसके पूर्व शनिवार तड़के से ही मेरठ और आसपास के जिलों में झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया था। सुबह काफी देर तक बारिश होती रही। बारिश के चलते मौसम सुहाना हो गया और लोगों को गर्मी और उसम से राहत मिली। कभी तेज तो कभी धीमी वर्षा होती रही। आसमान पर घने काले बादल छाए हुए थे। यह बारिश फसलों के लिहाज से भी ठीक है। शुक्रवार को भी हालांकि सुबह से बादल बने हुए थे लेकिन बाद में तेज धूप ने परेशान करके रख दिया था।
शुक्रवार को धूप ने किया परेशान
गुरुवार को दिन में मानसूनी बौछारों के बाद शुक्रवार को भी सुबह से आसमान पर बादल घिरे नजर आए थे, लेकिन देखते ही देखते ही आसमान पर निकली धूप ने बारिश की संभावनाओं को विराम लगा दिया था। अचानक निकले सूरज ने गर्मी से बेहाल कर दिया था। बढ़ती उमस से लोग परेशान रहे। शुक्रवार को बारिश होने की संभावना जताई जा रही थी। मौसम विभाग के अनुसार 29 जुलाई के बाद से वेस्ट यूपी में बारिश के आसार बनते नजर आ रहे थे। मेरठ और आसपास के जिलों में गुरुवार को बारिश से मौसम खुशनुमा हो गया था। साथ ही पड़ रही उमस भरी गर्मी से भी राहत मिली। कई जगहों पर झमाझम बारिश हुई तो कई जगहों पर सावन के रिमझिम बारिश ने आनंदित किया। हालांकि हर साल की अपेक्षा इस वर्ष सावन माह में बारिश कुछ कम हुई है।
किसानों को मिलेगा लाभ
मेरठ में कई जगहों पर मौसम शुष्क रहा या केवल बादल छाये रहे तो कहीं कहीं हल्की-हल्की बूंदाबादी होती रही। वहीं अपने काम से निकले लोगों इस दौरान छतरी लेकर सड़कों पर चलते हुए नजर आए। बुलंदशहर में झमाझम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत तो मिला ही साथ मे किसान के फसलों को भी लाभ मिला। हालाकि इस दौरान रिमझिम बारिश के बीच हवा शांत रही।
इस माह कम बारिश
सावन महीने में हर बार अधिक बारिश होती है। जिससे किसानों को राहत के साथ-साथ गर्मी से भी निजात मिलती है, पर इस वर्ष सावन के महीने में पश्चिमी उप्र में कम बारिश हुई है। सावन के महीने में कम बारिश होने से फसलों में सिंचाई संबंधी समस्या सामने आ गई है। कई जगहों पर किसानों को सिंचाई करने के लिए ट्यूवेल का सहारा लेना पड़ रहा है।