Weather Update : ठंड और घने कोहरे ने थामी जिंदगी की रफ्तार, सहारनपुर में पारा एक डिग्री पर पहुंचा Meerut News
रविवार की रात से जारी घने कोहरे का कहर सोमवार की सुबह भी जारी रहा। वेस्ट यूपी के जिलों में कोहरे ने आम जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया।
मेरठ, जेएनएन। Weather Update सोमवार की सुबह पूरा वेस्ट यूपी घने कोहरे की चपेट में आ गया। कोहरे ने आम जनमानस की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी। कक्षा 9 से 12 तक के छात्र कोहरे के बीच ही स्कूल पहुंचे। दफ्तर जाने वाले लोगों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। बुलंदशहर में कड़ाके की सर्दी के बीच सोमवार की सुबह कोहरे की धुंध भी आ गई। इससे स्टेट हाईवे और नेशनल पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई। यहां पर अधिकतम तापमान 14 और न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वेस्ट यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, शामली, बागपत में घने कोहरे के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं सहारनपुर में सोमवार को सुबह का तापमान एक डिग्री दर्ज किया गया है। यहां पर पारा माइनस की ओर बढ़ रहा है।
गिरता गया अधिकतम तापमान
वहीं इस बार पूस में पड़ रही ठंड को ‘सीवियर कोल्ड’श्रेणी का आंका गया है। रविवार को धूप निकलने के बावजूद अधिकतम तापमान सामान्य से आठ डिग्री कम रहा। यह मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए तो गंभीर है ही पशुओं पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव होता है। ठंड के वर्तमान तेवर के बारे मौसमविदों ने तो भविष्यवाणी की ही थी, वहीं ग्रह दशाओं की स्थिति भी एक्सट्रीम वेदर की आधिक्य स्थितियों पर मोहर लगा रही है। दैनिक जागरण ने भी डेढ़ माह पूर्व वैज्ञानिक पहलुओं के आधार इस बार ठंड अधिक और लंबे समय तक पड़ने का पूर्वानुमान जताया था।
मौसम विभाग ने ‘कोल्ड डे’ माना
पूस का शुक्ल पक्ष चल रहा है। पूस और माघ ठंड के दो माह माने जाते हैं। भारतीय पंचाग ऋतुओं के कितने के करीब हैं इसी बानगी इसी से देखी जा सकती है कि 13 दिसंबर से पूस आरंभ हुआ और 14 दिसंबर से ही लगातार ठंड का सिलसिला जारी है। अगर तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम हो तो मौसम विभाग की शब्दावली में उसे ‘कोल्ड डे’ माना जाता है। अगर तापमान इससे अधिक गिरता है तो उसे सीवियर कोल्ड की स्थिति माना जाता है। अगर पिछले 16 दिनों के तापमान पर नजर डालें तो छह दिन तो अधिकतम तापमान 11 डिग्री से कम रहा है। रविवार का दिन जोड़ने के बाद पांच दिन और सीवियर कोल्ड की स्थिति रही है।
षट्ग्रहीय योग, मौसम के कहर के द्योतक
इस समय छह ग्रह एक साथ हैं। इसकेपहले 1962 में सात ग्रह एक साथ आए एक राशि आए थे, जिससे उस समय अकाल पड़ा था। इसके साथ भारत-चीन युद्ध हुआ था। ज्योतिषविद् विभोर ने कहा कि इस समय नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देख में अराजकता का माहौल रहा। इंदुसुत ने बताया कि 25 दिसंबर से धनु राशि बुध, सूर्य, केतु, गुरु, शनि, चंद्रमा ग्रह एक साथ हैं। तभी से ठंड का कहर और बढ़ गया है। ग्रहों का यह योग दस जनवरी तक बना रहेगा।
लंबा खिंचेगा ठंड का मौसम
पश्चिम विक्षोभ की एक बाद एक आवाजाही से ठंड ने गंभीर रूप अख्तियार कर लिया है। कृषि प्रणाली संस्थान के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डा. एम शमीम ने बताया कि इस समय सोलर रेडियेशन कम होने से ठंड बढ़ जाती है। उस पर पश्चिम विक्षोभ के चलते पहाड़ों पर लगातार बर्फबारी हो रही है। इस पश्चिम विक्षोभ के प्रभाव से चलने वाली उत्तर-पश्चिम हवाएं का हीट लोड कम हो जाता है। हवाएं प्रवाह के दौरान तक दूर तक बर्फीली चोटियों के लगातार संपर्क में रहने चिल्ड हो जाती हैं। मैदान में उतर कर यही हवाएं कहर बरपाती हैं। भूगोलविद् परमजीत सिंह ने बताया कि मेरठ और मुजफ्फरनगर में यह हवाएं मसूरी के ऊपर स्थित धनोल्टी पर्वत श्रृंखलाओं से आती हैं। डा. एम शमीम ने बताया कि 1 और दो जनवरी को एनसीआर में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। उसके बाद फिर पारा गिरेगा। 14 जनवरी तक ठंड से राहत की संभावना नहीं हैं। वहीं मौसम विभाग ने कहीं-कहीं ओलावृष्टि की आशंका जताई है।