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Weather Update: वेस्टर्न डिस्टर्वेंस ने बदला मौसम का ट्रेंड, राहत भरे रहेंगे 15 दिन, अप्रैल में ऐसा रहेगा हाल

Weather Upadte विलंब से चले पश्चिम विक्षोभ ने मार्च में बदला मौसम का ट्रेंड। रविवार रात से उत्तर पश्चिम हवाएं चलने से वातावरण में हल्की ठंड बनी हुई है। रात में हवा चलने से अभी सुहाने मौसम का अहसास हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaPublished: Tue, 28 Mar 2023 03:06 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 03:06 PM (IST)
Weather Update: वेस्टर्न डिस्टर्वेंस ने बदला मौसम का ट्रेंड, राहत भरे रहेंगे 15 दिन, अप्रैल में ऐसा रहेगा हाल
Weather Update: मध्य अप्रैल तक चढ़ नहीं पाएगा पारा।

मेरठ, जागरण टीम, (ओम बाजपेयी)। मौसम की आंखमिचौली ने विज्ञानियों को हैरत में डाल दिया है। मार्च अंतिम पड़ाव पर है लेकिन पारा ठिठका हुआ है। दिन में पछुआ हवा जहां सूरज की तपिश को नियंत्रित कर रही है, वहीं रात का पारा फरवरी की याद दिला रहा है। इस दौरान वर्ष 2022 में अधिकतम तापमान 38.6 और 2021 में 37. 2 डिग्री सेल्सियस था। इस बार यह 32.5 डिग्री सेल्सियस तक सिमटा हुआ है।

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तापमान अभी नहीं बढ़ेगा

विज्ञानियों के मुताबिक मौसम आइएमडी और अन्य मौसम एजेंसियों द्वारा जारी पूर्वानुमान से विपरीत जा रहा है। पश्चिम विक्षोभ की आमद से गर्मी एक सीमा से ऊपर नहीं बढ़ पाएगी। सात वर्ष बाद मार्च माह में सर्वाधिक बरसात हुई है। मौसम विज्ञानियों ने मार्च के प्रथम सप्ताह में ही पारा 37-38 तक पहुंचने की संभावना जताई थी लेकिन अभी तक तापमान 33 डिग्री के पार नहीं गया है। सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 28 डिग्री रहा।

जब आवश्यकता थी तब नहीं हुई बरसात

पश्चिम उत्तर प्रदेश की जलवायु पर अध्ययन करने वाले भारतीय मौसम विभाग के सेवानिवृत्त प्रधान विज्ञानी केके सिंह ने बताया कि सामान्य रूप से दिसंबर जनवरी और फरवरी में हल्की वर्षा के अंतराल (स्पेल) आते रहते हैं, जिसकी वजह पश्चिम विक्षोभ है। इसके गुजरने के बाद हिमालय क्षेत्रों से ठंडी हवा का प्रवाह मैदानों की ओर होता है। इसी वजह से मौसम में परिवर्तन होता है।

आकलन था कि मार्च में अधिकतम तापमान 0.5 डिग्री बढ़ा हुआ रहेगा। लेकिन दूसरे पखवाड़े में अच्छी बरसात से तापमान गिरा। 29 मार्च व दो अप्रैल को भी पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। 15 अप्रैल तक तापमान पर अंकुश रहेगा। कृषि विश्वविद्यालय के कृषि केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि मार्च में तेज तापमान से गेहूं की फसल कमजोर होती। 


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