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भाई के खून का बदला चुकाने को उठाए थे हथियार

सीएए को लेकर हुई हिसा में फायरिग करने वाले 20 हजार के इनामी अनीस खलीफा और शाने आलम को पुलिस ने हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया। अनीस खलीफा ने बताया कि 1987 के दंगे में उसने अपने भाई को खोया था। उसकी मौत का बदला चुकाने के लिए हथियार उठाकर पुलिस अफसरों को निशाना बनाया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 09:00 AM (IST)
भाई के खून का बदला चुकाने को उठाए थे हथियार
भाई के खून का बदला चुकाने को उठाए थे हथियार

मेरठ, जेएनएन। सीएए को लेकर हुई हिसा में फायरिग करने वाले 20 हजार के इनामी अनीस खलीफा और शाने आलम को पुलिस ने हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया। अनीस खलीफा ने बताया कि 1987 के दंगे में उसने अपने भाई को खोया था। उसकी मौत का बदला चुकाने के लिए हथियार उठाकर पुलिस अफसरों को निशाना बनाया।

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20 दिसंबर को एक साथ शहर में चार थाना क्षेत्रों के आठ स्थानों पर हिसा हुई। पुलिस ने 24 मुकदमों में 180 नामजद और पांच हजार अज्ञात शामिल किए थे। 178 बवालियों को फोटो और वीडियो से चिन्हित किया। फरारी के बाद 28 पर पांच-पांच हजार रुपये इनाम घोषित किया। चेहरा छिपाकर फायरिग करने वाले अनीस खलीफा और अनस की पहचान कर 20-20 हजार का इनाम घोषित किया। अनस को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है।

मंगलवार को लिसाड़ी गेट पुलिस ने बीस हजार के इनामी अनीस खलीफा पुत्र रियाजुद्दीन निवासी ऊंचा सद्दीक नगर को एक अन्य शाने आलम निवासी गैस गोदाम के साथ गिरफ्तार कर लिया। अनीस से तमंचा भी बरामद किया है। इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल ने बताया कि पूछताछ में अनीस खलीफा ने बताया कि 1987 के दंगे में उसके भाई रईस की मौत हो गई थी। परिवार के लोग तभी से हर हिसा में उसे याद करते है। उसी के खून का बदला लेने के लिए हथियार उठाकर पुलिसकर्मियों पर फायरिग की थी। बता दें कि अनीस खलीफा 2005 में तारापुरी के पप्पू उर्फ अमजद की हत्या में भी जेल जा चुका है। जमानत पर रिहा हुआ था। बाद में इस मुकदमे में शायद समझौता हो गया। बाकी बवालियों की धरपकड़ को पुलिस दबिश डाल रही है।

इन्होंने कहा..

बीस हजार के इनामी अनीस खलीफा समेत दो बवालियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अनीस भी राधना से ही हथियार खरीदता था। उसने हिसा में ट्यूबवेल तिराहे पर ताबड़तोड़ फायरिग की। अनीस और शाने आलम को पुलिस ने कई मुकदमों में आरोपित मानते हुए जेल भेज दिया।

-अजय साहनी, एसएसपी


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