'घर में भूखों मर रहे, क्यों न डीएम आफिस पर ही मरें'
भाई-बहन मितन और सुमन सोमवार से शुरू करेंगे भूख हड़ताल, कहा-नहीं पूरा किया जा रहा वादा, घर के हालात हो रहे खराब
मेरठ। हसनपुर-रजापुर के मितन और उनकी बहन सुमन सोमवार से जिलाधिकारी दफ्तर पर भूख हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं। उनका कहना है कि परिवार के दो-दो लोगों को खो चुके, लेकिन अभी तक कोई सरकारी मदद नहीं मिली है। वे घर में ही भूखों मर रहे हैं, इससे बेहतर है कि जिलाधिकारी दफ्तर पर ही मर जाएं। बता दें कि मितन की मां सावित्री और सुमन के पति बबलू की हत्या हो चुकी है। सरकार की तरफ से सुमन को कोई मदद नहीं मिली है। मितन को मिले दो लाख रुपये कर्ज उतारने में ही चले गए।
यह हुए थे हत्याकांड
वर्ष 2016 में हसनपुर-रजापुर निवासी चेतन की छेड़छाड़ का विरोध करने पर हत्या कर दी गई थी। उसकी मां सावित्री ने मुकदमा दर्ज कराया था। सावित्री को गवाही ने देने की धमकी मिली। नहीं मानीं तो तीन फरवरी को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। सावित्री की हत्या का मुकदमा उसके बेटे मितन ने दर्ज कराया था। सावित्री की मौत के बाद सुमन के पति बबलू निवासी झिटकरी ने चेतन हत्याकांड की पैरवी की तो उनकी भी हत्या कर दी गई।
ऐसे हो चुके घर के हालात
सुमन का कहना है कि उसकी तीन बेटी आरती, सोनम, कोमल और एक बेटा शिवम है। दो बेटी शादी के लायक हैं। उनकी शादी की चिंता सता रही है। बबलू की हत्या के बाद प्रशासन ने कहा था कि उन्हें आठ लाख रुपये दिए जाएंगे, लेकिन अभी तक एक पैसा नहीं दिया गया। मितन को दो लाख रुपये मिले। उसने इसमें से एक लाख रुपये मां के उपचार के लिए लिए गए कर्ज उतारने में खर्च कर दिए जबकि 50 हजार रुपये के हथियार खरीदे।
समझाया जाएगा
एसपी देहात राजेश कुमार ने बताया कि मितन और सुमन को भूख हड़ताल न करने के लिए समझाया जाएगा। मितन को कुछ पैसा दिलवा दिया है। असलाह भी दिलाया गया। सुमन को जल्द ही समाज कल्याण विभाग से पैसा दिलवाया जाएगा