Move to Jagran APP

कलक्ट्रेट से कमिश्नरी तक सब पानी-पानी

मेरठ। मूसलधार बारिश से सरकारी कार्यालय भी दिनभर जलमग्न रहे। अधिकारियों के आवासों में भी

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 05:12 AM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 05:12 AM (IST)
कलक्ट्रेट से कमिश्नरी तक सब पानी-पानी

मेरठ। मूसलधार बारिश से सरकारी कार्यालय भी दिनभर जलमग्न रहे। अधिकारियों के आवासों में भी दो फीट तक पानी भरा रहा। अफसर अपने घर में भरे पानी को पहले निकलवाने के लिए कभी निगम के अफसरों को फटकार और गुहार लगाते रहे। जबकि कई अधिकारी अपने कार्यालयों में भरे पानी की निकासी की जुगत में जुटे रहे।

loksabha election banner

शुक्रवार सुबह से शुरू हुई बारिश ने पूरी व्यवस्था की पोल खोल दी। कलक्ट्रेट परिसर पूरी तरह से जलमग्न रहा। ऐसा ही हाल कमिश्नरी में भी नजर आया। बारिश के पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था न होने के कारण कमिश्नरी के बाहर और अंदर छोटा तालाब बना रहा। ऐसी ही स्थिति विकास भवन की भी रही, यहां भी निचले तल पर मौजूद कई सरकारी कार्यालयों में जलभराव की स्थिति बन गई। जबकि परिसर में करीब एक फीट तक पानी भरा रहा। बाद में पंचायती राज विभाग के सफाईकर्मियों को लगाकर जल निकासी की व्यवस्था कराई गई। दिल्ली रोड स्थित मेरठ ब्लाक और तहसील परिसर में भी एक से तीन फीट तक दिनभर पानी भरा रहा, जिससे कार्यालयों में रखा रिकार्ड भी भीग गया। इसके अलावा नवीन मंडी में भी बारिश का पानी भर गया। दिल्ली रोड स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में भी तीन फीट से अधिक पानी भरा रहा।

हर स्तर पर लापरवाही

बारिश के पानी का संचय करने के लिए लगभग सभी सरकारी कार्यालयों और परिसरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है, लेकिन बारिश का मौसम शुरू होने के बाद भी इसकी सफाई नहीं कराई गई। जिस कारण संचय होने वाला पानी परिसर में ही भरता रहा। ऐसे ही परिसरों से बारिश का पानी निकालने के लिए छोटी नालियां भी बनाई गई हैं, जो बाहर नालों में मिलती हैं, लेकिन सफाई और रखरखाव के अभाव में इन नालियों का अस्तित्व ही कई सरकारी परिसरों में मिट गया है। इसके अलावा अधिकांश सरकारी परिसर काफी पुराने हैं और अब सड़कों की ऊंचाई परिसरों से ऊपर है। इस कारण सड़क के किनारे बने नालों की दीवार भी ऊंची कर दी गई, ऐसे में इन परिसरों का पानी की निकासी नहीं हो सकी।

अपने घर की चिंता में डूबे रहे अधिकारी

बारिश के कारण जहां तमाम सरकारी कार्यालय पानी में डूबे रहे, वहीं तमाम अफसरों के सरकारी आवासों में भी जलभराव की स्थिति रही। कई अधिकारियों के आवासीय परिसर के साथ कमरों तक में पानी पहुंच गया। ऐसे में अधिकारियों ने नगर निगम के फोन घनघनाए और पहले अपने घर का पानी बाहर निकालने के लिए फटकार के साथ गुहार भी लगाई। निगम की टीम ने बड़े अधिकारियों के यहां पहुंचकर पानी निकालना शुरू किया। जलभराव का सामना करने वाले अधिकारियों में एडीएम, एसडीएम, एसीएम, विकास भवन के जिला स्तरीय अधिकारी भी शामिल रहे।

देर से पहुंचे कर्मचारी, नहीं आए फरियादी

बारिश के कारण सरकारी कार्यालयों का नजारा शुक्रवार को पूरी तरह से बदला हुआ था। तमाम विभागों में कार्यरत कर्मचारी देरी से पहुंचे। हालांकि उनकी उपस्थिति आम दिनों की अपेक्षा कम ही रही। उधर, हर दिन विभिन्न समस्याओं को लेकर कमिश्नरी, कलक्ट्रेट, विकास भवन, तहसील आदि सरकारी कार्यालयों में आने वाले फरियादियों की संख्या न के बराकर रही। हालांकि एक-दो लोग राशन डीलर, प्रधान की शिकायत डीएम कार्यालय में पहुंचे थे और अपनी शिकायत देकर लौट गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.