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Kisan Andolan: भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत की चेतावनी, सरकार बात नहीं मानी तो गणतंत्र दिवस पर किसान रचेंगे इतिहास

कृषि कानून के विरोध में यूपी गेट व सिंधु बार्डर पर चल रहे आंदोलन को लेकर भाकियू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नरेश टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने बात नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस पर किसान इतिहास रचेंगे। ट्रैक्‍टर मार्च निकालेंगे।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 07:57 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 07:57 PM (IST)
बागपत में प्रेस वार्ता के दौरान सरकार को चेतावनी देते नरेश टिकैत।

बागपत, जेएनएन। कृषि कानून के विरोध में यूपी गेट व सिंधु बार्डर पर चल रहे आंदोलन को लेकर भाकियू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नरेश टिकैत लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इन्‍होंने सरकार को चेतावनी देते हुए साफ कहा कि अगर बात नहीं मानी गई तो गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को वो होगा जो कभी नहीं हुआ है। किसान गणतंत्र दिवस पर नया इतिहास रचेंगे। सरकार को किसान की मांगों की अनदेखीन नहीं करनी चाहिए। हठधर्मिता छोड़कर किसान की मांगों को मान लेनी चाहिए।

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सरकार हठधर्मिता पर अड़ी

बागपत के दोघट कस्बे में गुरुवार को पत्रकार वार्ता के दौरान भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में देश के कोने कोने से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे हैं। किसान अपनी मांग को लेकर सरकार से बार-बार अपील कर रहे हैं, लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। कृषि कानून पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसान जिस कानून को नहीं चाहता है, उसे जबरन किसानों पर क्यों थोपा जा रहा है। इससे सरकार की मंशा साफ झलकती है कि यह सरकार किसानों की विरोधी है। सरकार को किसानों की बात लेनी चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर किसान रचेंगे इतिहास

किसानों ने स्पष्ट कह दिया है कि सरकार 26 जनवरी से पहले यदि कृषि कानून वापस नहीं लेती है, तो किसान 26 जनवरी को दिल्ली में रैली निकालेंगे। 26 जनवरी राष्ट्रीय पर्व है, किसान भी नहीं चाहते कि उस दिन कोई दिक्कत हो, लेकिन बात किसानों के मान सम्मान की आ चुकी है। यदि समस्या का समाधान नहीं होता है तो 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर रैली निकालकर इतिहास रचेंगे।

प्रदर्शन के दौरान मृतक किसानों को शहीद का दर्जा दे सरकार

किसानों के मौत पर सरकार का ध्‍यान खिंचते हुए कहा कि किसान शहादत दे रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दे रही है। सरकार को चाहिए कि किसान को शहीद का दर्जा दिया जाए। शहीद किसान परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व उचित मदद भी दी जाए। इस दौरान देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, मनोज प्रधान, बसंत तोमर, गौरव राठी आदि मौजूद रहे।

आठवें दौर की बातचीत कल

किसानों और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत आठ जनवरी को होगी। अबतक की बैठक में किसानों के केवल दो मांगों पर ही सहमती बन पाई है, जो सांतवे दौर की बैठक के दौरान हुआ। वहीं इससे पहले की सभी बैठकों में कुछ भी हासिल नहीं हुआ था। आठवें दौर की बैठक के एमएसपी गारंटी और कृषि कानून को वापस लेने की बात होगी।  


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