Move to Jagran APP

LokSabha Election 2019 : सीएम योगी ने छोड़ा बड़ा सवाल,‘अब कौन बड़ा चौधरी?'

सीएम योगी ने बुधवार को किनौनी में सभा के दौरान भाजपा प्रत्याशी डॉ.सत्यपाल सिंह को दर्जनों बार चौधरी कहकर ‘अब कौन बड़ा चौधरी?’जैसा प्रश्न वोटरों के बीच छोड़ दिया।

By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 11:03 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 11:03 AM (IST)
LokSabha Election 2019 : सीएम योगी ने छोड़ा बड़ा सवाल,‘अब कौन बड़ा चौधरी?'
LokSabha Election 2019 : सीएम योगी ने छोड़ा बड़ा सवाल,‘अब कौन बड़ा चौधरी?'
मेरठ, [संतोष शुक्ल]। बागपत की हाईप्रोफाइल सीट पर चौधराहट की जंग तेज हो गई है। योगीजी इसे और हवा दे गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को किनौनी में सभा के दौरान भाजपा प्रत्याशी डॉ.सत्यपाल सिंह को दर्जनों बार चौधरी कहकर ‘अब कौन बड़ा चौधरी?’जैसा प्रश्न वोटरों के बीच छोड़ दिया। अब तक सत्यपाल सिंह के नाम के साथ ज्यादातर डॉक्टर या ‘कमिश्नर साहब’ जोड़ा जाता था। योगी के इस दांव को जाट वोटरों के बीच नए सियासी संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
चौधरी की पगड़ी..सत्यपाल के सिर
किसानों के मसीहा चौ. चरण सिंह देश के सबसे बड़े किसान नेता माने जाते हैं। पश्चिमी उप्र में भी बागपत उनका मुख्य केंद्र रहा। इस सीट से वह कई बार संसद पहुंचे। बाद में उनके पुत्र चौ. अजित सिंह 1989 से 2009 तक छह बार बागपत से सांसद चुने गए।
चौधरी चरण सिंह का सम्मान
उन्हें 1998 में सोमपाल शास्त्री और मोदी लहर में 2014 में डॉ.सत्यपाल से शिकस्त मिली। जाट वोटरों का भावनात्मक लगाव चौ.चरण सिंह से बना हुआ है,लेकिन उनकी विरासत का पंछी अब अजित सिंह के सियासी बाग से उड़ चुका है। किनौनी में बागपत संसदीय सीट के लिए प्रचार में पहुंचे सीएम योगी इस बात से बखूबी वाकिफ हैं कि इस क्षेत्र में चरण सिंह की जड़ें बेहद गहरी हैं। इसलिए योगी ने संबोधन में चरण सिंह को बेशक भरपूर सम्मान दिया,किंतु आज उन्होंने चौधरी की पगड़ी डॉ.सत्यपाल को भी पहनाई।
अब ‘छोटे चौधरी’ अकेले चौधरी नहीं..
पश्चिमी उप्र में नाम के साथ चौधरी जोड़ना प्रतिष्ठा का विषय माना जाता है। हालांकि जाट एवं गुर्जर दोनों अपने नाम के आगे चौधरी लगाते हैं, लेकिन यह सरताज चौ. चरण सिंह के माथे सबसे ज्यादा चमका। इसी परंपरा के तहत उनके पुत्र एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री अजित सिंह को ‘छोटे चौधरी’ कहा जाता है। योगी ने सधी हुई रणनीति के तहत जाट वोटों से भावनात्मक जुड़ाव के लिए सत्यपाल सिंह को दर्जनभर बार चौधरी कहा। इस बहाने क्षेत्र में ‘अब चौधराहट किसी की विरासत नहीं है’का भी संदेश दिया गया।

धर्म के मुद्दे पर भी रालोद को घेरा
सीएम योगी ने कांवड़ यात्र में सपा-बसपा शासनकाल में शंख, घंटा, डमरू व डीजे पर प्रतिबंध लगाने को सियासी रंग देते हुए इसे कुंभ से भी जोड़ा। पूछा कि जब भगवान शिव के श्रद्धालुओं की यात्र को ‘शव यात्र’ का रूप दिया जा रहा था तो क्या रालोद ने कभी आवाज उठाई। योगी ने अतीत को भी सियासी तीरों से कुरेदा। पूछा कि संप्रग सरकार की तुष्टिकरण की नीति के समर्थन में अजित सिंह क्यों खड़े रहे? उन्हें अपने जाट भाई की याद क्यों नहीं आई। गुर्जर, दलित, जैन व सिख भाई के लिए क्यों नहीं दिल धड़का। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि चौ. चरण सिंह की विरासत का तंबू लेकर बैठे अजित सिंह एवं जयंत के लिए इस बार भी राह आसान नहीं होगी। उनकी भावनात्मक घेरेबंदी के साथ ही ध्रुवीकरण का भी तीर चला दिया गया है।
योगी ने खुद से सत्यपाल को जोड़ा
सीएम योगी ने सत्यपाल के वोटरों के आगे उन्हें खास तवज्जो दी। कहा कि सबसे बड़े पुलिस अफसर के पद पर रहते हुए सत्यपाल ने त्याग-पत्र दिया और सांसद बनकर क्षेत्र में ईस्टर्न पेरीफेरल बनवाकर दिल्ली और हरिद्वार को जोड़ा। केंद्रीय विद्यालय बनवाए। कहा कि गन्ने के भुगतान के लिए भी कई बार मुङो रात में फोन कर जगाया। उधर, अजित सिंह व जयंत को विदेश घूमने और दिल्ली की सियासी गलियों में दिलचस्पी लेने वाला नेता कहा।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.