वायरल बुखार से तपने लगी ओपीडी
वायरल बुखार से तपने लगी ओपीडी प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त होती तो अस्पतालों में मरीजों नहीं लगती
वायरल बुखार से तपने लगी ओपीडी
मेरठ: प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त होती तो अस्पतालों में मरीजों की कतार नजर नहीं आती। कुछ इसी नसीहत के साथ मरीजों का इलाज कर रहे डाक्टरों का दावा है कि इस बार वायरल बुखार और तपेगा। मेडिकल कालेज की ओपीडी में इस साल पहली बार एक माह में 20 दिन से ज्यादा रोजाना चार हजार से ज्यादा मरीज पहुंचे हैं। गुरुवार को डेंगू के तीन नए मरीजों के साथ संख्या 35 तक पहुंच गई।
मेडिकल कालेज में सितंबर के प्रथम सप्ताह में रोजाना करीब ढाई हजार मरीज पहुंच रहे थे। किंतु बदलते मौसम के बीच वायरल, बैक्टीरियल, फंगल एवं प्रोटोजोआ के संक्रमण से मरीजों की तादाद 80 फीसद बढ़ गई। दस सितंबर से माह के अंत तक रोजाना साढ़े चार हजार मरीजों की रिकार्ड संख्या से चिकित्सक भी हैरान रह गए। प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं निजी अस्पतालों में मरीजों का ग्राफ अचानक बढ़ा। डेंगू ने सिर्फ दस्तक दी है, जबकि ज्यादातर मरीजों में इन्फ्लुएंजा वायरस मिल रहा है। सर्दी, जुकाम, नजला व खांसी के साथ अस्पतालों में पहुंच रहे मरीजों की सांस भी फूलती मिली। मेडिकल कालेज में ओपीडी पर्ची से लेकर दवा वितरण काउंटर तक मरीजों की संख्या लबालब मिली। बीमारी से लोग परेशान हैॅं। रोजाना 4000 से ज्यादा मरीज
तारीख मरीजों की संख्या
26 सितंबर 4250
29 सितंबर 4067
एक अक्टूबर 4355
तीन अक्टूबर 4890
चार अक्टूबर 4610 सांस के मरीजों पर आफत
सांस, शुगर, कैंसर, हार्ट एवं मोटापा के मरीजों में वायरल बुखार बिगड़ सकता है। उन्हें छींकने या खांसने वालों से दूर रहना चाहिए।
डा. आभा गुप्ता, प्रोफेसर, मेडिकल कालेज