मेरठ में ट्रांसलेम फार्मेसी की छात्रा उज्मा परवीन बनीं डा. एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय की टापर
Topper Uzma Parveen यह मेरठ के लिए भी गर्व की बात है। ट्रांसलेम फार्मेसी की छात्रा उज्मा परवीन ने डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में फार्मेसी विभाग को टाप किया है।शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखी पति वसीम खान हैं फार्मासिस्ट।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Topper Uzma Parveen मेरठ में गंगानगर के मवाना रोड स्थित ट्रांसलेम फार्मेसी की छात्रा उज्मा परवीन ने डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में फार्मेसी विभाग को टाप किया है। संस्थान के चेयरमैन प्रशांत जैन व महानिदेशक डा. शमीम अहमद ने छात्रा को बधाई दी। महानिदेशक ने बताया कि उज्मा ने परीक्षा में 9.49 सीजीपीए प्राप्त कर संस्थान का नाम रोशन किया है। उज्मा को बी.फार्मा कोर्स में स्वर्ण पदक के लिए चयनित किया गया है। विवि के दीक्षा समारोह में उज्मा को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। उज्मा ने सत्र 2017-2021 के बैच में बीफार्मा पूरा किया है। संघर्ष के रास्ते पर चलकर उज्मा परवीन ने सफलता का शिखर छुआ है। यह मेरठ के लिए गर्व की बात है।
2014 में सिर से उठ गया था पिता का साया
उज्मा परवीन मेरठ में जली कोठी के पास फतेहनगर की निवासी हैं। उनके पिता शाहनवाज अली डाक विभाग में थे। मुजफ्फरनगर से सेवानिवृत्त होने के चार माह बाद ही 2014 में पिता की मौत हो गई। इसके बाद मां नाहिद बेगम के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई। मरणोपरांत पिता की पेंशन पर ही परिवार का लालन-पालन हुआ। उज्मा परवीन तीन बहनों में सबसे छोटी हैं। चार भाई-बहनों में सबसे छोटा सलमान है। बड़ी बहन बुशरा ने अध्यापक रहते हुए उज्मा को काफी सहयोग किया। उज्मा की इस सफलता से परिवार में जश्न का माहौल है।
चौथे सेमेस्टर में हो गई थी शादी, एक माह पहले बेटी को दिया जन्म
डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में फार्मेसी विभाग की टापर बनी उज्मा का कहना है कि पढ़ाई के बीच बाधा जरूर आई। लेकिन उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की। 2019 फरवरी में उनकी शादी रोहटा रोड निवासी वसीम खान से हुई, जब वह बीफार्मा के चौथे सेमेस्टर में थी। वसीम खान भी ट्रांसलेम कालेज में पढ़ते थे। वह उनके सीनियर रहे हैं। वसीम एक फार्मासिस्ट बिजनेस करते हैं। एक माह पूर्व ही उज्मा परवीन बेटी मिरहा की मां बनी हैं। उज्मा ने एमपीएस से इंटरमीडिएट करने के बाद डीएन कालेज से 2015 में बीएससी किया था।
एम फार्मा करना चाहती हैं उज्मा परवीन
बीफार्मा के बाद उज्मा परवीन का लक्ष्य एम. फार्मा में एडमिशन लेना है। उज्मा ने कहा कि इसके बाद वह फार्मेसी में ही नौकरी करेंगी। बताया कि चूंकि उनके पति पहले से ही फार्मा व्यवसाय से जुड़े हैं, इसलिए वह भी फार्मा में ही जुड़ी रहेंगी। उज्मा व्यवसाय के बजाय फार्मेसी सेक्टर में नौकरी को प्राथमिकता दे रही हैं। फिलहाल, उज्मा का पूरा ध्यान अपनी एक माह की मासूम मिरहा पर है। बेटी के जन्म के बाद एकेटीयू के फार्मेसी विभाग में प्रथम स्थान प्राप्त करने के साथ ही घर की खुशियां दोगुनी हो चली हैं।