मेरठ में उत्तर प्रदेश का एकमात्र संग्रहालय, पार्क जो 1857 की क्रांति को है समर्पित...देखेंगे तो पलकें नहीं झपकेंगी
1857 की क्रांति के उद्गम स्थल मेरठ में ही उत्तर प्रदेश का अकेला ऐसा राजकीय संग्रहालय है जो प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित है। यूं कहें कि यहां का शहीद स्मारक पार्क परिसर ही पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। 1857 की क्रांति के उद्गम स्थल मेरठ में ही उत्तर प्रदेश का अकेला ऐसा राजकीय संग्रहालय है जो प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित है। यूं कहें कि यहां का शहीद स्मारक पार्क परिसर ही पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है। संग्रहालय को अब पेंटिंग, पुतले, थ्रीडी तस्वीरें और डिजिटल दस्तावेजों से इस तरह से संवार दिया गया है। संग्रहालय में एलईडी के माध्यम से भी आप इतिहास को देख सकते हैं। यहां साउंड सिस्टम भी लगाया गया है। जब आप इसे देखेंगे तो स्वतंत्रता संग्राम संघर्ष के उस दौर में स्वयं ही पहुंच जाएंगे। चलचित्र आंखों के सामने चलने लगेगा। इस संग्रहालय का नाम है राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय। यह शहीद स्मारक पार्क परिसर में स्थापित है।
इस संग्रहालय में मेरठ से लेकर पूरे देश की स्वतंत्रता संग्राम संघर्ष की कहानी, तस्वीरें यहां देखने को मिल रही हैं। इसके लिए पांच गैलरी बनाई गई हैं। लखनऊ स्थित राजकीय संग्रहालय में पूरे देश के मौलिक दस्तावेज रखे हैं, उसे डिजिटल प्रिंट करके यहां पर प्रदर्शित किया गया है।
प्रदेश में 12 म्यूजियम हैं। इसमें मथुरा संग्रहालय सबसे पुराना है। मेरठ में यह अकेला संग्रहालय है जो 1857 क्रांति पर बना है। प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा 1995 में इस संग्रहालय का निर्माण किया गया था। पुरातात्विक संपदाओं के संग्रह का कार्य भी यहां चल रहा है। यहां पुस्तकालय भी है जिसमें आजादी की लड़ाई से जुड़ी किताबों का संग्रह तैयार किया गया है। राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय का औपचारिक लोकार्पण प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 150वीं वर्षगांठ पर 10 मई 2007 को किया गया था।
संग्रहालय में हैं दुर्लभ कृतियां
संग्रहालय में द लाइट हाउस साप्ताहिक पत्र की दुर्लभ प्रतियां हैं। मेरठ से 1949, 1950, 1952, 1953 में प्रकाशित अंग्रेजी के इस पत्र में तत्कालीन भारत के अलावा मेरठ की तमाम तस्वीरें समाहित हैं। इंडियन नेशनल आर्मी के सिपाहियों की वर्दी, नेताजी सुभाषचंद्र बोस के दुर्लभ चित्र, भारत के महापुरुषों पर जारी डाक टिकट, पुराने सिक्के, महाभारतकालीन पॉटरी, सुभाषचंद्र बोस की वर्दी, 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 को जारी डाक टिकट यहां के संग्रह में हैं। यहां लगे शहीद स्तंभ पर 1857 की क्रांति में शहीद हुए वीरों के नाम भी अंकित हैं।
पांच गैलरी - किस गैलरी में क्या
- पहली गैलरी : मेरठ की क्रांति को समर्पित है।
- दूसरी गैलरी : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुई क्रांति को दस्तावेज और उस समय के अखबारों से बताया गया है।
- तीसरी गैलरी : दिल्ली, कानपुर और लखनऊ में हुई घटनाओं को बताती है।
- चौथी गैलरी : बुंदेलखंड, रुहेलखंड और पूर्वांचल में हुई क्रांति को प्रदर्शित किया गया है।
-पांचवीं गैलरी : देश के अलग- अलग हिस्से में हुई क्रांति को भी दिखाया गया है।
क्रांति पर समर्पित लाइट एंड साउंड शो
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पर समर्पित लाइट एंड साउंड शो भी अब शुरू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंगलवार को लोकार्पण के बाद जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
शहीद स्मारक और अमर जवान ज्योति का महत्व
शहीद स्मारक पार्क परिसर में ही शहीद स्मारक व अमर जवान ज्योति है। 10 मई 1857 की क्रांति के अग्रदूत रहे 85 अमर सेनानियों की स्मृति में शहीद स्मारक बनाया गया है। शहीद स्मारक की नींव 1957 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने रखी थी। स्मारक के पास राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय भी है। यहां 1857 की क्रांति से जुड़े दस्तावेज, चित्र, आजाद हिंद फौज के सैनिकों के वस्त्र, पुराने सिक्के संरक्षित है। जिसे देखकर वास्तविक इतिहास को जाना जा सकता है। यहां पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी वर्ष 2014 में आए थे।
शहीद स्मारक पार्क परिसर में क्या क्या है
-शहीद स्मारक स्तंभ
-राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय
-मंगल पांडेय की प्रतिमा
-लाइट एंड साउंड शो
-ओपन जिम
-फव्वारा
-मल्टीपरपज हाल