Move to Jagran APP

फर्जी आइडी पर लोन पास कराकर खरीदतेे थे लग्जरी गाड़ियां, जानिए मुजफ्फरनगर पुलिस ने कैसे किया गिरोह का पर्दाफाश

मुजफ्फरनगर पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी सिटी और एएसपी ने बताया कि पुलिस को तहरीर मिली थी कि कुछ लोगों ने आधार कार्ड और पेन कार्ड से कूटरचित दस्तावेज बनाकर फर्जी तरीके से 119556 रुपये का क्रेडिट कार्ड एवं 1750243 रुपये का आटो लोन कराया है।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 08:02 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 08:02 PM (IST)
फर्जी आइडी पर लोन पास कराकर खरीदतेे थे लग्जरी गाड़ियां, जानिए मुजफ्फरनगर पुलिस ने कैसे किया गिरोह का पर्दाफाश
मुजफ्फरनगर में पकड़े गए फर्जी आइडी पर लोन पास कराने के आरोपित

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। नई मंडी कोतवाली पुलिस ने फर्जी आइडी पर लोन पास कराने के बाद गाड़ी निकालने वाले चार लोगों को दबोच लिया। दबोचे गए आरोपितों से चार लग्जरी गाड़ी बरामद की गई हैं बरामद कारों की कीमत लगभग 70 लाख रुपये है।

loksabha election banner

यह है मामला

पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय और एएसपी कृष्णा बिश्नोई ने बताया कि गांधी कालोनी निवासी संदीप कुमार ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया था कि कुछ लोगों ने उसके आधार कार्ड और पेन कार्ड से कूटरचित दस्तावेज बनाकर फर्जी तरीके से 1,19,556 रुपये का क्रेडिट कार्ड एवं 17,50,243 रुपये का आटो लोन कराया है। उक्त लोन के बाद टाटा हैरियर गाड़ी निकाली गई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले की जांच में जुटे नई मंडी कोतवाल पंकज पंत और टीम ने अंकुश त्यागी निवासी रामपुरी, आलोक त्यागी निवासी एकता विहार, संदीप कुमार निवासी गांधी कालोनी और सुधीर कुमार निवासी गांधी नगर को दबोचकर उनसे पूछताछ की। पूछताछ के बाद आरोपितों की निशानदेही पर टाटा हैरियर और क्रेटा समेत चार गाड़ी बरामद की हैं। बरामद गाडिय़ों की कीमत लगभग 70 लाख रुपये हैं। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया।

ऐसे कराते हैं फर्जी फाईनेंस

इंस्पेक्टर पंकज पंत ने बताया कि बरामद गाडियां लगभग पांच-छह माह पूर्व कंपनी से निकाली गई थी। यह गैंग फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और फर्जी फोटो बनाकर बैंक में कागज जमा कराता है। इसके बाद लोन पास कराकर नई गाड़ी कम्पनी से खरीद लेते हैं। यह लोग अब तक करीब 15 गाडिय़ों का फर्जी फाईनेंस करा चुके हैं। उक्त लोग एक गाड़ी को खरीदने के लिये गाड़ी की कीमत का 20 प्रतिशत बैंक मे जमा कराते हैं जिसमे फर्जी पता होने के कारण बैंक उसे ट्रेस नहीं कर पाता है। इस गैंग मे एक फाईनेंसर होता है और दो तीन लोग फर्जी कागज तैयार करते है तथा फर्जी फोटो देते है। गैंग की बैंककर्मियों से भी मिलीभगत होती है। यह लोग खरीदी हुई गाड़ी को खरीदने बेचने का काम करने वाले डीलरों को पूरे रेट मे बेच देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.