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यूपी पुलिस ने बागपत में महिलाओं से की धक्का-मुक्की, अपशब्‍द सुने तो दिखाई पुलिसिया हनक

बागपत में सिसाना गांव में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे किनारे नाले के पानी को जमीन में पहुंचाने के लिए बोरिंग कराने पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का महिलाओं ने जमकर विरोध किया।

By Taruna TayalEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 04:04 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 04:04 PM (IST)
यूपी पुलिस ने बागपत में महिलाओं से की धक्का-मुक्की, अपशब्‍द सुने तो दिखाई पुलिसिया हनक
यूपी पुलिस ने बागपत में महिलाओं से की धक्का-मुक्की, अपशब्‍द सुने तो दिखाई पुलिसिया हनक

बागपत, जेएनएन। सिसाना गांव में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे किनारे नाले के पानी को जमीन में पहुंचाने के लिए बोरिंग कराने पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का महिलाओं ने जमकर विरोध किया। 

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यह है मामला 

एसडीएम और सीओ की मौजदूगी में पुलिस ने दोपहर 12.30 जेसीबी मशीन से खुदाई करानी शुरू कराई तो महिलाओं ने उस पर पत्थर मारे। अधिकारियों ने उन्हें नाले में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण कराने की बात कहीं तो महिलाओं ने जवाब दिया कि नाले का गंदा पानी जब जमीन के अदंर जाएगा तो भू-गर्भ जल प्रदूषित होगा। अधिकारियों और पुलिस ने सख्ती दिखाई तो महिलाओं ने कहा कि हाईवे की जमीन पर कुछ भी करिए, लेकिन हम अपनी जमीन पर न निर्माण होने देंगे और न जेसीबी मशीन खड़ी करने देंगे। करीब दो घंटे तक हंगामा होता रहा। मौके पर पुलिस बल और खासकर महिला पुलिस बुलाई गई।

दर्जनों महिलाओं को गाड़ियों में भरा 

महिलाओं को समझाने के बजाय पुलिस और अधिकारियों ने पुलिसिया हनक दिखाते हुए इन महिलाओं को उल्टा सीधा कहना शुरू कर दिया। पुलिस ने एक वृद्धा समेत एक दर्जन महिलाओं और पुरुषों के साथ मारपीट कर धकियाते हुए कार में डालकर बागपत कोतवाली ले गई। पर कई महिलाएं मौके पर डटकर चेतावनी दे रहीं है कि यदि हमारी जमीन पर निर्माण शुरू कराया तो नाले में कूदकर जान दे देंगी। पुलिस ने कई उन युवाओं के साथ भी अभद्रता की, जो दूर से खड़े होकर यह नजारा देख रहे थे। पुलिस की दबंगई से कई ग्रामीणों में आक्रोश देखा गया। दोपहर 2.30 बजे तक भी निर्माण शुरू नहीं होने दिया।

इन्‍होंने बताया

सीओ ओमपाल सिंह ने कहा कि सिसाना गांव में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के निर्माण में रेन वाटर हार्वेस्टिंग निर्माण कराना नक्शे में शामिल है जिसका कुछ ग्रामीण बिना वजह विरोध कर रहे हैं। बता दें कि यह मामला कलक्ट्रेट से चंद कदम दूर है। यदि अधिकारी चाहते तो समझा बुझाकर मामला आराम से निपाटा सकते थे।


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