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UP Budget 2022: मेरठ में ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट का निर्माण पूरा होने से पड़ोसी जिलों के किसानों को भी मिलेगा लाभ

UP Budget 2022 बजट के अभाव में अधूरा है मेरठ में ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट का निर्माण। मेरठ के साथ वाराणसी के लिए 79.82 करोड़ का बजट आवंटित। प्लांट का निर्माण कार्य पूरा होने से मेरठ के साथ पड़ोसी जनपदों के दूध उत्पादक किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 11:50 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 11:50 AM (IST)
UP Budget 2022: मेरठ में ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट का निर्माण पूरा होने से पड़ोसी जिलों के किसानों को भी मिलेगा लाभ
UP Budget 2022 बजट में प्रावधान के बाद मेरठ में ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट के अधूरे निर्माण को गति मिलेगी।

मेरठ, जागरण संवाददाता। UP Budget 2022 ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट के अधूरे निर्माण को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने 79.82 करोड़ का बजट आवंटित किया है। प्लांट का निर्माण कार्य पूरा होने से मेरठ के साथ पड़ोसी जनपदों के दूध उत्पादक किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। बढ़ी कीमत में दूध की खरीद तो होगी, साथ ही सप्लाई की स्थिति में भी बड़ा सुधार होगा।

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इस बार 79.82 करोड़ का बजट

वित्तीय वर्ष 2015-16 में मेरठ में ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। तब मेरठ के लिए 10 करोड़ का बजट जारी किया गया था। बजट मिलने के बाद गगोल स्थित पराग प्लांट परिसर में ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट का निर्माण किया गया। लेकिन इसके बाद बजट जारी नहीं हो सका। जिस कारण प्लांट का निर्माण कार्य अटक गया। अब प्रदेश सरकार द्वारा जारी बजट में 79.82 करोड़ का बजट आवंटित करने के बाद तेजी से प्लांट का निर्माण कार्य पूर्ण होने की उम्मीद बनी है।

पड़ोसी जनपदों को भी होगा लाभ

ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट निर्माण पूरा होने से जिले के साथ दूध उत्पादक पड़ोसी जनपदों के किसानों को भी बड़ा लाभ होगा। दूध को बढ़ी कीमत पर किसानों से खरीदा जाएगा। चार लाख लीटर क्षमता के प्लांट में हर दिन सप्लाई के लिए दूध की पैकिंग के साथ अन्य उत्पाद भी तैयार होंगे। साथ ही यहां दूध पाउंडर तैयार होने से दूध की किल्लत को भी कम करने में मदद मिलेगी। प्लांट पूरी तरह से आधुनिक तकनीक पर आधारित होगा।

ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट का अधूरा निर्माण

अब बजट आवंटित होने के बाद जल्द पूरा कर लिया जाएगा। प्लांट का लाभ दूध उत्पादक किसानों को मिलेगा। साथ ही दूध सप्लाई की स्थिति में भी सुधार होगा। प्लांट पूरी तरह से आधुनिक तकनीक पर आधारित होने से कई तरह के लाभ होंगे और दूध से तैयार उत्पाद की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।

- विकास बालियान, महाप्रबंधक पराग


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