यूपी बोर्ड क्षेत्रीय सचिव व परीक्षा प्रभारी को जान से मारने की धमकी
यूपी बोर्ड के मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय को आगरा से धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र में क्षेत्रीय सचिव और परीक्षा प्रभारी को जान से मारने की धमकी दी गई है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 04:16 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 04:16 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय में आगरा से एक धमकी भरा पत्र आया है। इसमें क्षेत्रीय सचिव और परीक्षा प्रभारी को जान से मारने की धमकी दी गई है। पत्र में लिखा गया है कि इस कार्यालय से तीन लोगों के खिलाफ मारने की योजना बनाई गयी है जिसमें से किसी एक को मार दिया जाएगा। इसमें क्षेत्रीय सचिव आरएसके सुमन, परीक्षा प्रभारी और सहायक परीक्षा प्रभारी शामिल हैं।
कार्यालय में भय का माहौल
इसका खत मिलने के बाद मंगलवार से क्षेत्रीय कार्यालय में डर का माहौल बना हुआ है। इसकी शिकायत क्षेत्रीय सचिव की ओर से स्थानीय थाने के साथ ही डीएम, एसएसपी और माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक को की जा रही है। क्षेत्रीय सचिव का कहना है कि पिछले साल प्राइवेट में फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई कर 18 हजार से ज्यादा फॉर्म निरस्त किए गए थे। इस साल भी रेगुलर में फर्जी अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में करीब 7000 फॉर्म रद्द कर दिए गए हैं।
वित्तविहीन विद्यालयों के आवेदन रद्द
यह वह फॉर्म हैं जिन्होंने आवेदन के समय कोई भी योग्यता प्रमाण पत्र नहीं लगाया था। कोई योग्य परीक्षार्थी छूट न जाए इसलिए इन्हें योग्यता प्रमाण पत्र दिखाने का अवसर दिया जा रहा है। इसके तहत अब तक करीब 600 छात्रों ने अपनी योग्यता प्रमाण पत्र दिखाकर अपने आवेदन को फिर से रेगुलर कर लिया है। लेकिन ज्यादातर वित्तविहीन विद्यालयों के आवेदन रद्द किए गए हैं। ऐसे में धमकी भरा पत्र भी वित्तविहीन विद्यालयों का ही प्रतिनिधित्व करते हुए भेजा गया है।
कार्यालय में भय का माहौल
इसका खत मिलने के बाद मंगलवार से क्षेत्रीय कार्यालय में डर का माहौल बना हुआ है। इसकी शिकायत क्षेत्रीय सचिव की ओर से स्थानीय थाने के साथ ही डीएम, एसएसपी और माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक को की जा रही है। क्षेत्रीय सचिव का कहना है कि पिछले साल प्राइवेट में फर्जी अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई कर 18 हजार से ज्यादा फॉर्म निरस्त किए गए थे। इस साल भी रेगुलर में फर्जी अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने से रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में करीब 7000 फॉर्म रद्द कर दिए गए हैं।
वित्तविहीन विद्यालयों के आवेदन रद्द
यह वह फॉर्म हैं जिन्होंने आवेदन के समय कोई भी योग्यता प्रमाण पत्र नहीं लगाया था। कोई योग्य परीक्षार्थी छूट न जाए इसलिए इन्हें योग्यता प्रमाण पत्र दिखाने का अवसर दिया जा रहा है। इसके तहत अब तक करीब 600 छात्रों ने अपनी योग्यता प्रमाण पत्र दिखाकर अपने आवेदन को फिर से रेगुलर कर लिया है। लेकिन ज्यादातर वित्तविहीन विद्यालयों के आवेदन रद्द किए गए हैं। ऐसे में धमकी भरा पत्र भी वित्तविहीन विद्यालयों का ही प्रतिनिधित्व करते हुए भेजा गया है।
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