मेरठ में बिना लाइसेंस चलते मिले दो मेडिकल स्टोर, एक स्टोर संचालक बना बैठा था डाक्टर, 1.30 लाख की दवाएं जब्त
बीमारियों के बढ़ते प्रकोप के बीच कुछ लोग आमजन की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिना लाइसेंस व योग्यता के दवा स्टोर चला रहे हैं। मेरठ में औषधि निरीक्षकों ने कार्रवाई करते हुए बिना लाइसेंस चलते मिलने पर दो मेडिकल स्टोरों के खिलाफ कार्रवाई की।
मेरठ, जागरण संवाददाता। औषधि विभाग ने लिसाड़ी गेट क्षेत्र के इत्तेफाक नगर में बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर संचालित होने की शिकायत पर छापेमारी की। औषधि निरीक्षकों को इलाके में दो मेडिकल स्टोर बिना लाइसेंस संचालित मिले। टीम ने दोनों मेडिकल स्टोर से एक लाख तीस हजार रुपये की दवाएं जब्त की हैं।
तीन जिलों के औषधि निरीक्षकों ने की कार्रवाई
बीमारियों के बढ़ते प्रकोप के बीच कुछ लोग आमजन की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिना लाइसेंस व योग्यता के दवा स्टोर चलाने के साथ ही मरीजों का उपचार भी कर रहे हैं। लोग सस्ते इलाज के चक्कर में इनके झांसे में आ जाते हैं। जिला औषधि निरीक्षक पवन शाक्य ने बताया कि इलाके में बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर संचालित होने की शिकायत के आधार पर सहायक आयुक्त औषधि मेरठ मंडल के निर्देश पर टीम गठन किया गया। जिसमें लवकुश प्रसाद औषधि निरीक्षक हापुड़, दीपा लाल औषधि निरीक्षक बुलंदशहर, अनुरोध कुमार औषधि निरीक्षक गाजियाबाद आदि ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान इलाके में स्थित दो मेडिकल स्टोर संचालक हाशिम व फैजान बिना लाइसेंस स्टोर चलाते मिले। साथ ही हाशिम मेडिकल स्टोर के साथ-साथ मरीजों का उपचार करते भी पाया गया। हाशिम के स्टोर से 70 हजार रुपये व फैजान पास से 60 हजार की दवाइयां सीज कीं। दोनों के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम, 1940 के तहत मुकदमा दर्ज होगा।
तीन नंवबर तक उपलब्ध कराएं साक्ष्य: अपर आयुक्त
मेरठ। गांव मुबारकपुर पल्हैडा व पावली खास में सरकारी जमीन पर मोदी रबर व मोदी कांटीनेंटल द्वारा कब्जा करने व बिक्री करने की जांच की जा रही है। प्रकरण में अपर आयुक्त ने शिकायतकर्ता को पत्र जारी कर साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए कहा है। मोदी रबर व मोदी कांटीनेंटल पर गांव मुबारकपुर पल्हैडा व पावली खास स्थित करोड़ों की कीमत की सरकारी जमीन पर कब्जा करने व बिक्री करने के आरोप लगे हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने प्रकरण की शिकायत की थी। शिकायत में सरधना के एसडीएम पर भी गंभीर आरोप लगाए गए थे। प्रकरण की जांच शुरू हुई तो सरकारी जमीन पर कब्जा व बिक्री होने की बात सामने आए। गंभीरता से जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया।