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25 करोड़ जीएसटी की चपत लगाने वाले दो भाई गिरफ्तार

फर्जी कंपनियां बनाकर सरकार को 25.33 करोड़ का चूना लगाने वाले मुरादाबाद निवासी दो भाइयों को सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) मेरठ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 06:15 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 06:15 AM (IST)
25 करोड़ जीएसटी की चपत लगाने वाले दो भाई गिरफ्तार
25 करोड़ जीएसटी की चपत लगाने वाले दो भाई गिरफ्तार

मेरठ, जेएनएन। फर्जी कंपनियां बनाकर सरकार को 25.33 करोड़ का चूना लगाने वाले मुरादाबाद निवासी दो भाइयों को सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर) मेरठ की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपितों की घेराबंदी और उनके खिलाफ प्रमाण जुटाने के लिए टीम ने 24 घंटे में ताबड़तोड़ 13 स्थानों पर छापा मारा।

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मंगल पांडे नगर स्थित सीजीएसटी कमिश्नर कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान प्रधान आयुक्त सतेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि मेरठ सीजीएसटी कमिश्नरी को इनपुट मिला था कि फर्जी इनवाइस जारी कर आरोपित भाई इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम करते थे। फिर दूसरी कंपनियों को पास आन करते थे। मुरादाबाद की फर्म डीएम एंड संस की प्रोपराइटर श्वेता अग्रवाल पत्नी अंशुल अग्रवाल व दूसरी फर्म वेव एग्रो आयल के मालिक अर्चित अग्रवाल की फर्म यह फर्जीवाड़ा कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अर्चित अग्रवाल और श्वेता अग्रवाल के पति अंशुल अग्रवाल सगे भाई हैं। इन्होंने हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में कागजों में कंपनियां बना रखी हैं। जो किसी भी माल की बिक्री और खरीद नहीं करती है, बस इनवाइस जारी करती हैं। जिसके बाद दिल्ली में पांच, लुधियाना (पंजाब) में एक, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में दो और मुरादाबाद में पांच स्थानों पर छापामारी की गई। जिसमें दिल्ली, पंचकूला के कमिश्नरी की टीम ने भाग लिया। सामने आया कि दोनों ने 20 कंपनियां अलग-अलग जगह बना रखी थीं, पर संचालन दोनों भाई मुरादाबाद से करते थे। प्रधान आयुक्त ने बताया कि कंपनियों द्वारा जारी इनवायस और बैंक खातों की जांच के बाद दोनों भाइयों और उनके एकाउंटेट मुकेश और नितिन से पूछताछ की गई। मौके से मिले कंप्यूटर के रिकार्ड और पेन ड्राइव खंगाली गई। आरोपितों के घर से 14 लाख रुपये भी बरामद हुए, जिसे टीम ने जब्त कर लिया है। दोनों भाइयों ने फर्जी इनवायस जारी करने की बात स्वीकार की है। दोनों को शुक्रवार की शाम सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। प्रधान आयुक्त ने बताया कि इसकी जांच जारी है और भी रिकवरी होने की संभावना है। ऐसे मामलों को पकड़ने के लिए विभाग ने बिजनेस इंटेलीजेंस फ्राड एनालिसिस नाम से साफ्टवेयर टूल तैयार किया है। प्रेसवार्ता में संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार, सहायक आयुक्त अंकित गहलोत, अधीक्षक मौजूद रहे। छापेमारी में अधीक्षक देवेंद्र कुमार, आरएस राठौर, पीके शर्मा, राजकुमार, निरीक्षक दीपक श्रीवास्तव, बिजेंद्र, कमल सिंह, विपुल तोमर मौजूद रहे।

खाद्य तेल के व्यापार के साथ शुरू किया फर्जीवाड़े का धंधा

सीजीएसटी कर अपवंचन शाखा ने मुरादाबाद के लाजपतनगर और सिविल लाइन स्थित आरोपितों के आवास और कार्यालय पर छापेमारी की। लाजपतनगर निवासी अंशुल और अíचत का पुश्तैनी देशी घी बनाने का कारोबार होता था। बताया जाता है कि क्रीम से देशी घी बनाने का काम करते थे। इसके बाद उन्होंने वेव एग्रो आयल कंपनी बना कर खाद्य तेल और पाम आयल का व्यापार शुरू किया। नेपाल से भी यह पाम आयल मंगाते हैं। अíचत ने फेसबुक एकाउंट पर नेपाल की फोटो शेयर कर रखी हैं। इससे एक बारगी कार्रवाई कर रहे अधिकारी यही समझे कि कहीं यह नेपाल में तो नहीं रहता है। पर छापेमारी में अíचत घर पर ही मिला। जब से जीएसटी लागू हुई तब से आइटीसी क्लेम करने में फर्जीवाड़ा करने के लिए अंशुल अग्रवाल ने पत्नी श्वेता अग्रवाल के नाम से डीएम एंड संस के नाम से कंपनी बना ली। दोनों भाई दुग्ध उत्पाद और खाद्य कंपनियों को फर्जी बिल उपलब्ध कराते थे जिनसे वह पुश्तैनी देशी घी बनाने के व्यापार के समय से जुड़े थे। बुलंदशहर की एक घी बनाने वाली कंपनी को भी लाखों के बिल सप्लाई किए हैं।

घर में मोटा कैश मिलने की थी सूचना

टीम को जो इनपुट मिला था उसके अनुसार अंशुल और अíचत के आवास पर काफी मात्रा में कैश रहता है। पर छापेमारी में 14 लाख रुपये कैश बरामद हुआ। टीम में जो सदस्य लगे थे उन्हें गोपनीय तरीके से छापेमारी के लिए भेजा गया था। वे 14 की सुबह से 15 की शाम तक रिकार्ड खंगालने में जुटे रहे।


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