एक एंबुलेंस में दो शव..एक पर चढ़कर दूसरे को उतारा गया
अस्पतालों से लेकर श्मशान तक अमानवीयता कदम-कदम पर रूबरू है।
जेएनएन, मेरठ । अस्पतालों से लेकर श्मशान तक अमानवीयता कदम-कदम पर रूबरू है। शनिवार को एक बार फिर शव की बेकद्री ने झकझोर दिया। मेडिकल कालेज से एक ही एंबुलेंस से दो शव सूरजकुंड पहुंचाए गए। एक शव पर चढ़कर दूसरे शव को उतारा गया। दूसरे शव को काफी देर तक किसी ने हाथ भी नहीं लगाया। पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के लोगों का दूर दूर तक कोई अता पता नहीं था।
दैनिक जागरण ने शनिवार को श्मशान घाट के दिल दहलाने वाले मंजर को कैमरे में कैद किया। महामारी का खौफ और अपनों के बीच टूटती संवेदनाओं ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। दोपहर को श्मशान घाट पर एक एंबुलेंस आकर रुकी। अमूमन शवों को साथ नहीं रखा जाता, किंतु सिस्टम हारने लगा है। एंबुलेंस में एक महिला का शव था, जिसे उतारने के लिए लोग दूसरे शव के ऊपर चढ़ गए। यहा कोई रोकने वाला भी नहीं था। उधर, दूसरा शव लेकर एंबुलेंस मृतक के परिजनों का इंतजार करती रही, किंतु कोई हाथ लगाने वाला नहीं था। तीन परतों में लपेटे शव को खोल दिया गया था, जो बेहद संक्रामक था। प्रशासन ने उन्हें नहीं रोका। जांच में निगेटिव, शव लेने गए तो पॉजिटिव
जेएनएन, मेरठ । शनिवार को हापुड़ निवासी महिला और गुलावठी से 57 वर्षीय व्यक्ति का शव एंबुलेंस से श्मशान घाट लाया गया था। स्वजनों का कहना था कि उनकी मां को सांस की हल्की तकलीफ थी। मेडिकल कालेज में एक दिन पहले डाक्टरों ने रिपोर्ट निगेटिव बतायी थी। तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। शव लेने गए तो पता चला कि कोरोना संक्रमित हैं। मेडिकल कालेज में कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं है। कोरोना संक्रमित के साथ सामान्य शव का संस्कार
श्मशान घाट पर जिस समय कोरोना संक्रमित शवों का संस्कार हो रहा था, उसी समय सामान्य शव के साथ बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। हापुड़ निवासी महिला के शव के साथ भी बड़ी संख्या में लोग आए। इस भीड़ से लोगों के संक्रमित होने का खतरा है। उधर, पुरोहितों ने सरकार से अपना बीमा कराने की मांग की है। उनका कहना है कि संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार से संक्रमण का खतरा है। स्वास्थ्य और सफाईकर्मी का बीमा है तो उनका भी होना चाहिए।