Twin brothers died In Meerut: दोनों भाई एक साथ चले गए, माता-पिता को कभी न खत्म होने वाला दर्द दे गए
मेरठ में जुड़वां भाइयों की कोरोना से सभी स्तब्ध हैं। पूरा जीवन मां और पिता ने अपने दो बेटों को पढ़ा लिखाकर साफ्टवेयर इंजीनियर बनाया था। कोरोना ने उन जुड़वां बेटों को निगल लिया। दो बेटों के एक साथ जाने से परिवार पर वज्रपात पड़ गया है।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ में कोरोना का कहर जारी है। पूरा जीवन मां और पिता ने अपने दो बेटों को पढ़ा लिखाकर साफ्टवेयर इंजीनियर बनाया था। कोरोना ने उन जुड़वां बेटों को निगल लिया। दो बेटों के एक साथ जाने से परिवार पर वज्रपात पड़ गया है। दोनों भाई हैदराबाद से एक साथ घर आते थे। वह इस दुनिया से भी एक साथ चले गए। दोनों भाइयों की मौत के बाद आसपास के लोग भी सदमे हैं।
सेंटमेरीज के पास रहने वाले ग्रेगरी रेमंड राफेल और सोजा ग्रेगरी शिक्षक हैं। सेंट थॉमस इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाते हैं। इसी स्कूल में उन्होंने अपने जुड़वां बेटे जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और रालफ्रेडो जार्ज को पढ़ाया। जो साफ्टवेयर इंजीनियर बनकर हैदराबाद में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत थे। हैदराबाद में 23 अप्रैल को दोनों भाई बीमार हुए तो घर आ गए। घर पर ही बुखार का इलाज चला।
डाक्टर की सलाह पर आंनद अस्पताल में दोनों भाइयों को भर्ती किया गया। 13 मई को जाफ्रेड ने अंतिम सांस की। अगले दिन 14 को रालफ्रेडो ने दम तोड़ दिया। बीमार राल्फ्रेडो बीमारी की हालत में अपने भाई की हालत जाननी चाही तो माँ ने कहा कि उसे दिल्ली शिफ्ट किया जा रहा है। तब राल्फ्रेडो ने कहा था कि माँ तुम झूठ बोल रही हो। जुड़वा भाई के सपने बड़े थे, वह कोरिया और जर्मनी जाने का प्लान बना रहे थे। अपने माँ और पिता का सपना पूरा करने वाले जुड़वा भाई कभी न खत्म होने वाला दर्द दे गए।
यह भी पढ़ें: कोरोना से जुड़वां इंजीनियर भाइयों की मेरठ में मौत, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के भाई ने भी दम तोड़ा