सिर कटी लाश का सच: माशूका की तलाश करते पुलिस तक पहुंचा आशिक तब हुआ राजफाश
सदर बाजार थाने के सिपाही शुभम यादव के पास पहुंचा था वसीम। तभी शुभम यादव ने एसपी क्राइम और सीओ कोतवाली को काल कर बताया। छह दिनों में पुलिस और क्राइम ब्रांच कोई इनपुट तक नहीं ढूंढ पाई।
मेरठ, जागरण संवाददाता। सोनिया और वसीम अक्सर रात में कई-कई घंटे तक मोबाइल पर बातचीत करते थे। गुरुवार की रात भी सोनिया ने रात करीब एक बजे तक वसीम से मोबाइल पर बातचीत की। उसके बाद ढाई बजे सानिया की हत्या कर दी गई। गुरुवार रात के बाद वसीम कुरैशी की बातचीत सानिया कुरैशी से नहीं हो पाई। वसीम ने शुक्रवार से रविवार तक उसके काल आने का इंतजार किया। उसके बाद कोई पता नहीं चलने पर सानिया की तलाश शुरू कर दी।
अनहोनी की आशंका पर पुलिस को की खबर
वसीम का सानिया के साथ कोई घटना होने की आशंका हुई, तब उसने सदर बाजार थाने में तैनात सिपाही शुभम यादव को सानिया के बारे में जानकारी दी। तभी शुभम यादव ने एसपी क्राइम और सीओ कोतवाली को काल कर बताया। उसके बाद तत्काल ही पुलिस शाहिद के घर पर पहुंची। शाहिद को उठाकर थाने लाकर सानिया के बारे में पूछताछ की। कुछ ही देर की पूछताछ में शाहिद टूट गया। उसने कबूल किया कि सानिया की हत्या अकेले ने की है। उसके परिवार का अन्य सदस्य इस हत्याकांड में शामिल नहीं था। बाद में एसएसपी ने सिपाही शुभम यादव को धन्यवाद दिया। हैरत की बात है कि छह दिनों तक लिसाड़ीगेट पुलिस और क्राइम ब्रांच युवती की पहचान और हत्यारोपितों की धरपकड़ का कोई एक क्लू तक नहीं ढूंढ पाए थे।
जमात से लौटने के बाद किया बेटी का कत्ल
शाहिद कुरैशी ने पहले जमात की। उसके बाद बेटी की हत्या कर घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था। आसपास के पड़ोसियों से भी संपर्क बंद कर दिया था। दरअसल, तीन माह में इस परिवार को आसपास के लोग भी पूरी तरह से जान नहीं पाए थे। इसलिए आसपास के लोगों को सानिया की हत्या की खबर तक नहीं लग पाई। कुछ पड़ोसियों को बताया कि सानिया अपने मामा के घर गई है, जबकि सानिया की बड़ी बहन ने बच्चे को जन्म दिया है, जो अस्पताल में है। उसके दो छोटे भाई है।
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