विज्ञान के परीक्षकों में चल रही मूल्यांकन के लिए खींचतान
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) की मूल्यांकन प्रक्रिया में हाईस्कूल विज्ञान के पेपर की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन को लेकर परीक्षकों में खींचतान चल रही है।
मेरठ । माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) की मूल्यांकन प्रक्रिया में हाईस्कूल विज्ञान के पेपर की उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन को लेकर परीक्षकों में खींचतान चल रही है। विज्ञान के पेपर में तीन भाग होते हैं जिसका मूल्यांकन दो विषय के शिक्षकों को करना होता है। इससे एक पर काम अधिक व दूसरे पर कम पड़ता है जबकि पारिश्रमिक बराबर मिलता है।
विज्ञान के पेपर में फिजिक्स के हिस्से को फिजिक्स वाले शिक्षक जबकि केमिस्ट्री और बायोलॉजी को बायोलॉजी वाले शिक्षक जांचते हैं। फिजिक्स वालों को एक तिहाई काम होने से वह कापियों का मूल्यांकन जल्दी कर आगे बढ़ा दे रहे हैं जबकि बायो के शिक्षकों को अधिक समय लग रहा है। ऐसा इसलिए भी हो रहा है कि फिजिक्स के शिक्षकों की संख्या अधिक और बायो के शिक्षकों की संख्या कम है। इससे केके इंटर कालेज में विज्ञान की कापियों का मूल्यांकन धीमा चल रहा है।
बायो के चाहिए परीक्षक
केके इंटर कालेज में हाईस्कूल विज्ञान के पेपर का मूल्यांकन करने के लिए बायोलॉजी के शिक्षकों की जरूरत है। बायोलॉजी के जो शिक्षक मूल्यांकन करना चाहते हैं वह स्कूल में संपर्क कर सकते हैं। केमुहा-9 के जरिए उन्हें परीक्षक नियुक्त मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
परीक्षकों ने बढ़ाई रफ्तार, एक तिहाई मूल्यांकन पूरा
10वीं व 12वीं की मूल्यांकन प्रक्रिया में परीक्षकों ने रफ्तार बढ़ा दी है। चार दिनों में जहां 20 फीसद मूल्यांकन पूरा हुआ था वहीं पांचवां दिन पूरा होते-होते यूपी बोर्ड का एक तिहाई मूल्यांकन पूरा हो चुका है। जिले में आवंटित उत्तर पुस्तिकाओं में से परीक्षकों ने 33.3 फीसद उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन पूरा कर लिया है। सभी केंद्रों पर परीक्षकों की संख्या अब बढ़ने से मूल्यांकन पर असर भी दिखाई दे रहा है। परीक्षक होली के पहले ही मूल्यांकन कार्य पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।