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जमीन अधिग्रहण से किसानों को आपत्ति नहीं, एनएच-119 का काम तेजी से होगा

विकास को लेकर बदला किसानों का नजरिया, दस दिन में मात्र 50 किसानों ने दर्ज कराई आपत्तियां, जल्द निपटारा कर शुरू होगा निर्माण कार्य

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Mar 2018 09:01 AM (IST)Updated: Fri, 30 Mar 2018 09:01 AM (IST)
जमीन अधिग्रहण से किसानों को आपत्ति नहीं, एनएच-119 का काम तेजी से होगा
जमीन अधिग्रहण से किसानों को आपत्ति नहीं, एनएच-119 का काम तेजी से होगा

मेरठ (नवनीत शर्मा)। विरोध और आपत्तियों का जाल किसी भी परियोजना की राह को शुरू होने के साथ ही उलझा देता है, लेकिन एनएच-119 को लेकर किसानों का सकारात्मक रुख देख प्रशासन भी हैरान है। अवार्ड से पहले तीन सप्ताह में मांगी गई आपत्तियों को दर्ज कराने से किसानों ने एक तरह से किनारा कर लिया है। पिछले 10 दिन में कुल 50 आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं, जबकि परियोजना के लिए जारी अधिसूचना के दौरान ही ढाई हजार से अधिक आपत्तियां दर्ज हुई थीं। यह तस्वीर विकास कार्यो को तेजी से अमल में लाने में सहायक साबित होगी। जाहिर है कि जब आपत्तियां और शिकायतें कम होंगी तो उनका निपटारा भी कम समय में कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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मेरठ से वाया बिजनौर पौड़ी तक करीब 100 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग-119 को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। हाईवे के लिए अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि का रिकार्ड पूरा कर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने गत 19 मार्च को गजट भी जारी कर दिया था। दस दिन का समय बीत चुका है और अभी तक मात्र 50 आपत्तियां आई हैं। इनमें भी किसानों द्वारा उठाई गई अधिकांश समस्या सिर्फ भूमि की स्थिति-पोजीशन आदि को लेकर हैं।

मुआवजा मिले तो क्यों जताएं विरोध

हाईवे चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत होने वाली भूमि के मालिक किसान परियोजना को लेकर उत्साहित हैं। किसानों के अनुसार, सड़क चौड़ीकरण का लाभ किनारे बसे गांवों को भी मिलेगा। ऐसे में विरोध जताने का कोई बड़ा कारण नहीं बनता। बस अधिगृहीत होने वाली जमीन का सही मुआवजा मिल जाए। कई किसानों ने एडीएम एलए कार्यालय में मौखिक रूप से आपत्ति दर्ज करा मौके पर ही समाधान करा लिया है।

साफ हो रही भूमि की स्थिति

हाईवे-119 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत होने वाली भूमि की प्रकृति को लेकर अधिक उलझन है। सड़क किनारे की सरकारी भूमि पर लोगों ने कब्जा कर निर्माण किया हुआ है, जिससे भूमि को गजट में शामिल नहीं किया गया। भूमि की इस तरह की प्रकृति को लेकर किसान अधिक परेशान हैं। इसके अलावा निजी और कृषि भूमि के मुआवजे की दर अलग-अलग होने से भी उलझन की स्थिति रहती है। हाईवे के किनारे स्कूल, बंजर, वन विभाग और तालाब आदि की स्थिति स्पष्ट की जा रही है।

जिले में यहां होगा अधिग्रहण

एनएच-119 के चौड़ीकरण के लिए मेरठ जनपद के गांव सैनी, इंचौली, मसूरी, बना, नंगली ईसा, मवाना खुर्द, भैंसा, सालारपुर, कौल, कौला कोहला, झुनझुनी, बसी वीरान, राजूपुर, फजेहपुर (हंसापुर), बहसूमा, सदरपुर, मौड़ खुर्द, सैफपुर, फिरोजपुर शामिल हैं। इसी तरह बिजनौर जनपद के भी करीब 50 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

एनएच-119 की मौजूदा स्थिति

वर्तमान में एनएच-119 खस्ताहाल है। टू-लेन की सड़क पर हर कदम पर गड्ढों के कारण वाहनों की रफ्तार धीमी करनी पड़ती है। कई बार हादसे हो चुके हैं। रात में तो यहां सफर खतरे से खाली नहीं रहता।

तेजी से पूरा होगा काम

जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना है कि एनएच-119 के लिए अधिग्रहीत होने वाली भूमि के लिए गजट जारी कर आपत्तियां मांगी हैं लेकिन 10 दिन बीतने के बाद भी काफी कम संख्या में आपत्ति दर्ज होना अपने आप में बड़ी बात है। किसानों के सकारात्मक रुख से परियोजना का काम तेजी से पूरा होगा।


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