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मेरठ में पूर्व सांसद के भाई की मीट फैक्ट्री में गैस से तीन की मौत

मीट की तीव्र गैस की चपेट में आकर तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे सतवीर और कंपनी के कर्मचारी रिफाकत व जलीफ निवासीगण गाजियाबाद भी बेहोश होते-होते बचे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 09:52 AM (IST)
मेरठ में पूर्व सांसद के भाई की मीट फैक्ट्री में गैस से तीन की मौत
मेरठ में पूर्व सांसद के भाई की मीट फैक्ट्री में गैस से तीन की मौत

मेरठ (जेएनएन)। पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक के छोटे भाई की मीट प्रोसेसिंग फैक्ट्री में गैस की चपेट में आकर तीन मजदूरों की मौत हो गई। एक मजदूर व दो कर्मचारी बाल-बाल बच गए। कंपनी के लोग शवों को एक निजी अस्पताल के बाहर फेंककर फरार हो गए। इससे विरोध में लोगों ने शव हापुड़ रोड पर रखकर जाम लगा दिया।

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खरखौदा थाना क्षेत्र के हापुड़ रोड स्थित अल्लीपुर जिजमाना गांव में पूर्व सांसद के भाई हाजी राशिद अखलाक की अल यासिर द्वितीय प्रोसेसिंग मीट प्लांट और रेडरिंग प्लांट है। यहां मीट पैकेजिंग के साथ मुर्गी दाना बनाया जाता है। गुरुवार को यहां लगे ईटीपी प्लांट की सफाई की जा रही थी। गुड्डू (18), योगेंद्र (22), सतवीर निवासीगण बिजौली मेरठ व गाजियाबाद के झंडापुर निवासी अजय (26) काम कर रहे थे। शाम चार बजे दूसरे टैंक की सफाई शुरू हुई।

सतवीर ने बताया कि टैंक के अंदर सीढ़ी से उतरा गुड्डू अचानक बेहोश होकर सिल्ट में जा धंसा। उसे बचाने के लिए योगेंद्र और अजय दौड़े तो वह भी बेहोश होकर गिर पड़े। मीट की तीव्र गैस की चपेट में आकर तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे सतवीर और कंपनी के कर्मचारी रिफाकत व जलीफ निवासीगण गाजियाबाद भी बेहोश होते-होते बचे।

सतवीर का आरोप है कि कंपनी के कर्मचारियों ने उसका मोबाइल छीन लिया और कई घंटे बाद प्लांट मैनेजर सलाउद्दीन और पलटू आए और शव छोटे हाथी में डालकर ले गए। इसके बाद शव एल-ब्लॉक शास्त्रीनगर स्थित जगदंबा अस्पताल में छोड़कर भाग गए।

सूचना पर गांव से सैकड़ों लोग एल-ब्लॉक चौकी पहुंचे और हापुड़ रोड पर शव रखकर जाम लगा दिया। प्लांट मालिक ने मृतक आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की बात कही है। भीमसेन ने इस मामले में तहरीर दी है। एसपी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

घटना बेहद दुखद है। कंपनी के भी दो कर्मचारी बाल-बाल बचे हैं। मृतक के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। -राशिद अखलाक, प्लांट मालिक।

मुर्गी दाना बनाने वाली फैक्ट्री में चर्बी व खून के टैंक कहां से आए। इसका मतलब फैक्ट्री में अवैध कटान होता है। इसमें कर्मचारी नहीं, मालिक भी दोषी है। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

-करुणेश नंदन गर्ग, महानगर अध्यक्ष-भाजपा।

इस मामले की जांच एडीएम (ई) और एसपी देहात को दी गई है। जांच रिपोर्ट आने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।-अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी, मेरठ।

प्लांट के क्षेत्र में आने वाले संबंधित अधिकारी को बर्खास्त करना चाहिए। कंपनी के सभी प्रमाण पत्रों की जांच जरूरी है। कंपनी मैनेजर से पुलिस पूछताछ करे। -डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा। 


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