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Rapid Rail : रैपिड प्रोजेक्‍ट के लिए मिलेगी भरपूर जमीन, भरेगा एमडीए का खजाना Meerut News

मेरठ में हुई बोर्ड की बैठक में अहम चर्चा हुई इसमें सबसे बड़ी बात रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए जरूरी जमीन की बाधा समाप्त करने की थी।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 15 Aug 2019 02:16 PM (IST)Updated: Thu, 15 Aug 2019 06:00 PM (IST)
Rapid Rail : रैपिड प्रोजेक्‍ट के लिए मिलेगी भरपूर जमीन, भरेगा एमडीए का खजाना Meerut News
Rapid Rail : रैपिड प्रोजेक्‍ट के लिए मिलेगी भरपूर जमीन, भरेगा एमडीए का खजाना Meerut News
मेरठ, जेएनएन। रैपिड रेल चलने से पहले ही एमडीए का खजाना भर देगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए जरूरत के मुताबिक भरपूर जमीन देने की मंजूरी भी मेरठ विकास प्राधिकरण एमडीए बोर्ड ने दे दी है।
कमिश्‍नर की अध्‍यक्षता में बोर्ड की बैठक
एमडीए सभागार में बुधवार को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। बैठक के बाद एमडीए सचिव राजकुमार ने पत्रकारों को बोर्ड के निर्णयों से अवगत कराया। इसमें सबसे बड़ी बात रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के लिए जरूरी जमीन की बाधा समाप्त करने की थी। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने शताब्दीनगर के सेक्टर- दो में व्यावसायिक भूखंड संख्या-सी 12 के क्षेत्रफल 2269.37 वर्ग मीटर को खरीदने का प्रस्ताव दिया था। इसकी कीमत करीब 11 हजार करोड़ रुपये है। इस पर स्टेशन बनेगा।

4000 वर्ग मीटर जमीन और खरीदने का प्रस्ताव
बोर्ड बैठक के प्रस्ताव तैयार हो जाने के बाद एनसीआरटीसी की ओर से 4000 वर्ग मीटर जमीन और खरीदने का प्रस्ताव आया। इसकी कीमत करीब 22 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है। वहीं शताब्दीनगर में ही यार्ड बनाने के लिए एनसीआरटीसी 28 हेक्टेयर जमीन कुछ साल के लिए किराये पर लेगा। इन सभी प्रस्तावों को बोर्ड में हरी झंडी दे दी गई। किराया तय करने के लिए समिति गठित करने का अनुमोदन हुआ।
हवाई पट्टी की वजह से ‘पूल’ होंगे आवंटी
डा. आंबेडकर हवाई पट्टी का विस्तार होना है, इसलिए एमडीए अपने 275 आवंटियों के प्लॉट अब शताब्दीनगर में किसी अन्य जगह पर देगा। दरअसल, कई साल पहले एमडीए ने कंचनपुर घोपला व काशी की ओर शताब्दीनगर के प्लॉट बेचे थे, उस समय तक हवाई पट्टी के विस्तार की बात नहीं थी। एमडीए इन प्लॉटों वाली जमीन को पहले ही हवाई पट्टी के लिए देने की सहमति दे चुका था, इसलिए आवंटियों के हित को देखते हुए उन्हें विकसित क्षेत्र में उतना ही प्लॉट दिया जाएगा।
लैंड पूलिंग योजना से बनेंगी कॉलोनियां
लैंड पूलिंग योजना के शासनादेश को एमडीए बोर्ड ने अंगीकृत कर लिया है। इस योजना के तहत अब किसानों की सहमति से उन्हें पार्टनर बनाकर एमडीए कॉलोनियां विकसित करेगा। किसान जितनी जमीन देगा उसका 25 फीसद उसे किसी भी कॉलोनी में विकसित क्षेत्र मिलेगा। इसके तहत कई गांवों में बात चल रही है।
कैटल कॉलोनी विकसित करेगा एमडीए
एमडीए रेसना व अलीपुर जिजमाना में कैटल कॉलोनी विकसित करेगा। यह अर्बन सीलिंग की जमीन है इसलिए इसे पहले एमडीए को हस्तांतरित की जाएगी फिर एमडीए इसमें विकास करेगा। इन दोनों स्थानों को मिलाकर 240 भूखंड बिक्री के लिए तैयार होंगे। इन दोनों कॉलोनियों को मिलाकर 2240 मवेशियों के लिए जगह हो जाएगी। नगर निगम के अधिकारी जल्द ही इसका मौका मुआयना करके एमडीए को रिपोर्ट देंगे।
महंगे हुए एमडीए के आवासीय प्‍लॉट
प्राधिकरण की छह आवासीय योजनाओं में आवासीय भूखंड महंगे कर दिए गए हैं। वर्तमान दरों में 10 फीसद बढ़ोतरी की गई है। वहीं फ्लैटों की कीमत जो वर्तमान में है वही मार्च 2020 तक रहेगी। इन छह आवासीय योजनाओं के आवासीय प्लॉटों की प्रति वर्ग मीटर कीमत वर्तमान में वेदव्यासपुरी में 16 हजार 800, शताब्दीनगर में 11 हजार 500, सैनिक विहार व रक्षापुरम में 12 हजार 300, मेजर ध्यानचंद नगर में 13 हजार 200 व लोहिया नगर में 11 हजार 700 रुपये है। अब यहां के प्लॉट इस दर से 10 फीसद महंगे मिलेंगे। हालांकि दर की यह बढ़ोतरी 13 फीसद प्रस्तावित थी जिसे बोर्ड ने 10 फीसद किया है।
अब पूरी तरह से ऑनलाइन
ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो गया है। अब मानचित्र स्वीकृति से पहले नगर निगम, फायर व अन्य विभागों से जो एनओसी ली जाती है वह भी ऑनलाइन हो जाएगी। हालांकि यह व्यवस्था अभी लखनऊ में शुरू हुई है। वहां पर सफल हो जाने के बाद एमडीए में शुरू होगी। फिलहाल बोर्ड ने इसे हरी झंडी दे दी है।
संपत्तियां ऑनलाइन, हर शुल्क का मिलेगा हिसाब
एमडीए के आवंटी अब अपनी संपत्तियों का रिकार्ड एमडीए की वेबसाइट पर देख सकेंगे। सभी संपत्तियां ऑनलाइन होने जा रही हैं। यही नहीं अब एमडीए की योजनाओं में रह रहे लोग जो भी शुल्क अनुरक्षण या अन्य शुल्क जमा करते हैं तो उसका भी पूरा रिकार्ड वेबसाइट पर मिलेगा। यानी कब कितने रुपये का चालान जारी हुआ, आवंटी ने कितना जमा किया और वर्तमान में कितना बकाया है। दो अक्टूबर को इसका शुभारंभ होगा। परतापुर में फ्लाईओवर व रेलवे लाइन के पास बने वाटर पार्क के मानचित्र को स्वीकृति दे दी गई है। वहीं, याकूब के प्लांट का प्रस्ताव भी फिलहाल लटक गया है।
दिसंबर तक जमा कीजिए छूट के साथ अनुरक्षण शुल्क
एमडीए की आवासीय योजनाओं में रह रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। छह फीसद ब्याज दर के हिसाब से आवंटी अब दिसंबर तक अनुरक्षण शुल्क जमा कर सकेंगे। छूट से पहले यह ब्याज दर 18 फीसद थी। वर्तमान में छूट के तहत शुल्क जमा करने की समय सीमा 31 अगस्त की गई थी। 

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