मेरठ में भी खूब हैं लाइसेंसधारी 'विकास दुबे', हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
अपराधियों को शस्त्र लाइसेंस देने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब। लाइसेंस निरस्त कर डीएम एसएसपी देंगे शासन को प्रमाणपत्र।
मेरठ, जेएनएन। आठ सालों में जरूरतमंद लोग भले ही धक्के खाते रहे हों, लेकिन सिफारिशी लोगों को खूब शस्त्र लाइसेंस बांटे गए। कानपुर में विकास दूबे के एनकाउंटर के बाद यह बात खुलकर सामने आई। इस मामले में याचिका दाखिल हुई तो हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांग लिया। इस पर सरकार ने भी अपराधिक प्रवृत्ति लोगों के लाइसेंस निरस्त कर डीएम और एसएसपी से प्रमाण पत्र मांगा गया है। सरकार के इस फरमान से प्रदेश में हलचल मची है।
रोक नहीं होने के बावजूद नहीं बन रहे लाइसेंस
हाईकोर्ट ने 2012 में प्रदेश में शस्त्र लाइसेंस पर रोक लगा दी थी। केंद्र ने आयुध अधिनियम 2019 लागू किया तो हाईकोर्ट की रोक खत्म हो गई। इसके बावजूद आम जनता को इसके बाद भी लाइसेंस नहीं दिए जा रहे हैं। विकास दुबे मामला उछला तो सामने आया कि एक ही दिन में आपराधिक प्रवृत्ति वाले तमाम लोगों को लाइसेंस दिए गए।
हाईकोर्ट ने जवाब मांगा तो मची खलबली
आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने जनहित याचिका दायर करके नई आयुद्ध नियमावली के तहत प्रत्येक जनपद में जारी किए गए हथियारों के लाइसेंस की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की। इस कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है।
तलाशे जा रहे आपराधिक छवि के लाइसेंसधारी
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने सभी पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी और एसएसपी को ऐसे लाइसेंसधारियों के लाइसेंस निरस्त करके प्रमाणपत्र भेजने का सख्त निर्देश दिया है। ऐसे लोगों की तलाश के लिए डीएम ने एडीएम प्रशासन, एडीएम सिटी, सभी एसडीएम, एसपी और सीओ की जिम्मेदारी लगाई है।
मेरठ में जारी हुए 200 लाइसेंस
जनपद में लगभग 17,249 लाइसेंस हैं। सूत्रों की माने तो वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लगभग 200 नए लाइसेंस जारी किए गए। लेकिन ये सभी खास लोगों के थे।
इनका कहना है
जिला प्रशासन ने शस्त्र लाइसेंस को अपना निजी अधिकार मान लिया है। सभी जनपदों में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को नई नीति लागू होने के बाद भी खूब लाइसेंस दिए गए हैं।
- लोकेश खुराना, याचिकाकर्ता
शासन के आदेश के तहत आपराधिक छवि वाले लाइसेंसधारी लोगों की तलाश कराई जा रही है। ऐसे लोगों के लाइसेंस निरस्त करके प्रमाणपत्र शासन को जल्द भेजा जाएगा।
- अनिल ढींगरा, जिलाधिकारी