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Theater Artist Of Meerut: मेरठ के रंगकर्मियों का दिल्ली में धमाल, हास्य नाट्य समारोह में बांधा समां

Theater Artist Of Meerut मेरठ के रंगकर्मियों ने दिल्‍ली में समां बांध दिया। पंचानन पाठक स्मृति साप्ताहांत हास्य नाट्य समारोह दिल्ली के अक्षरा थिएटर में नाटक जात ही पूछ साधु की का मंचन किया गया। जिसका निर्देशन अनुज शर्मा ने किया। इसे खूब सराहना मिली।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 04:15 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 04:27 PM (IST)
Theater Artist Of Meerut: मेरठ के रंगकर्मियों का दिल्ली में धमाल, हास्य नाट्य समारोह में बांधा समां
मेरठ के रंगकर्मियों ने दिल्‍ली में शानदार में प्रस्तुति दी।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Theater Artist Of Meerut लहर नाट्य मंच, मेरठ की ओर से पंचानन पाठक स्मृति साप्ताहांत हास्य नाट्य समारोह, दिल्ली के अक्षरा थिएटर में नाटक "जात ही पूछ साधु की" का मंचन किया गया। जिसका निर्देशन अनुज शर्मा ने किया। मेरठ के कलाकारों को अभिनय के लिए खासी प्रशंसा मिली। नाटक में मुख्य भूमिका निभाने वाले कलाकारों ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा।

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यह थी कहानी 

यह व्यंग्य नाटक नायक महिपत की कहानी है, जो अपने जीवन में छोटी से छोटी पहचान और प्रशंसा पाने के लिए संघर्ष करता है। उसे मास्टर्स डिग्री के लिए कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और फिर भी वह केवल एक थर्ड डिवीजन हासिल कर पाता है। जब खुद के लिए कमाई की बात आती है, तो उसे नौकरी नहीं मिल पाती है और इसलिए, सभी बाधाओं और कठिनाइयों से थककर, वह 'सिफारिश' की ओर रुख करता है और किसी दूर, अस्पष्ट गाँव में शिक्षण कार्य हासिल करने का प्रबंधन करता है।

व्यंगात्मक ढंग से कटाक्ष

नाटक में जात के ऊपर व्यंगात्मक ढंग से कटाक्ष किया गया है। नाटक के नायक महिपत के द्वारा एम.ए. की डिग्री हासिल करने के बाद भी उसे कहीं जॉब नही मिल पाती। सभी लोग अपनी जात के या अपनी जान पहचान के कैंडिडेट को जॉब पर रखने के लिए उत्सुक दिखाए गए। जैसे तैसे करके नाटक का नायक गांव के दूरदराज क्षेत्र में प्रोफेसर की नौकरी हासिल कर लेता है लेकिन वहां भी वो जातिवाद के कारण नौकरी से हाथ धो बैठता है।

इनकी रही भूमिका

नाटक में हास्य को अनुज शर्मा के निर्देशन में व्यंगात्मक तरीके से पेश किया गया। नाटक में मुख्य भूमिका में आशीष तोमर, साक्षी लाकरा, क्षितिज तिवारी, मनमोहन भल्ला, वसीम खान, संभव, हर्ष विकास राज, हनी, शक्ति कुमार गर्ग, ममता दीक्षित,अकरम अली, महबूब अली और समीर ने नाटक में दर्शकों को अंत तक अपनी अदाकारी से बांधे रखा। सभी की अदाकारी को सराहा गया।


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