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स्‍वाहा में छिपी है जनकल्‍याण की भावना,पढ़ें-मेरठ में संस्‍कृत के कुछ शिक्षकों इसे लेकर क्‍या है राय

चौधरी चरण सिंह विश्‍वविद्यालय के संस्‍कृत व योग विभाग के शिक्षक डा. ओमपाल शास्‍त्री स्‍वाहा शब्‍द के सही इस्‍तेमाल को लेकर एक अभियान शुरू किया है। स्‍वाहा शब्‍द का इस्‍तेमाल बहुतायत किसी भी चीज के आग से जलकर नुकसान होने पर किया जाता है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 09:45 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 09:45 AM (IST)
मेरठ में स्‍वाहा शब्‍द को लेकर एक अभियान की शुरुआत की गई है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Word Swaha Meaning हमारे बोलचाल और लिखने- पढ़ने में कुछ शब्‍द ऐसे हैं जिसका हम किसी भी जगह इस्‍तेमाल कर देते हैं। उस शब्‍द के मर्म को समझते नहीं हैं। जबकि भारतीय भाषाओं के हर शब्‍द का अपना एक विशिष्‍ट अर्थ होता है। ऐसा ही एक शब्‍द है स्‍वाहा... इस शब्‍द का इस्‍तेमाल बहुतायत किसी भी चीज के आग से जलकर नुकसान होने पर किया जाता है।

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एक अभियान

संस्‍कृत के कुछ शिक्षक इसे लेकर अलग राय रखते हैं। चौधरी चरण सिंह विश्‍वविद्यालय के संस्‍कृत व योग विभाग के शिक्षक डा. ओमपाल शास्‍त्री स्‍वाहा शब्‍द के सही इस्‍तेमाल को लेकर एक अभियान शुरू किया है। जिसमें वह लेखकों, रचनाकारों और सामान्‍य लोगों से अपील भी कर रहे हैं कि वह स्‍वाहा शब्‍द को नकारात्‍मक जगह इस्‍तेमाल करने से बचें।

ऐसा समझाया अर्थ

डा. शास्‍त्री का कहना है कि आग लगने, फैक्‍ट्री आदि के जलने में हम हर चीज को यह कह देते हैं कि सब कुछ स्‍वाहा हो गया। जिससे इस शब्‍द के अर्थ का अनर्थ हो जाता है। उनका मानना है कि स्‍वाहा कई तरह की स्‍तुति और प्रार्थनाओं को प्रकट करता है। जो अग्‍नि को माध्‍यम बनाकर देवता के रूप में स्‍वीकार करता है।

हवन में स्‍वाहा का उच्‍चारण

भौतिक विज्ञान के रूप से आग के गुण को जलाने वाला माना गया है। वेदों में कहीं भी स्‍वाहा का स्‍वरूप हानि पहुंचाने वाले अर्थ में नहीं किया गया है। ईश्‍वर की स्‍तुति और जन कल्‍याण के लिए होने वाले हवन में स्‍वाहा का उच्‍चारण किया जाता है, जिसमें किसी कार्य को सफल करने का संकल्‍प लेने के लिए प्रार्थना का भाव रहता है।

मुक्ति के लिए परमात्मा का अनुभव जरूरी

मेरठ : संजय नगर स्थित आवास पर राजस्थान के बाबा मोहन राम तीर्थ के पुजारी प्रकाश भगत ने प्रवचन किया। कहा परमात्मा का अनुभव किए बिना मुक्ति नहीं है। अनुभव के लिए सद गुरु का सहारा लेना पड़ता है। इस अवसर पर भक्तों ने कीर्तन किया। बिजेंद्र कुमार, रवि कुमार, सविता सिंह, सुषमा अग्रवाल, कुसुम आदि मौजूद रहे।

सच्चिदानंद के प्राचार्य बनने पर हर्ष जताया

मेरठ : खैर नगर में परशुराम स्वाभिमान सेना की बैठक में मेरठ कालेज के नवनियुक्त प्राचार्य सच्चिदानंद शर्मा की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त किया गया। संगठन के कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार कौशिक ने बताया कि मेरठ कालेज के 120 वर्षों के इतिहास में पहली बार ब्राह्मण समाज के प्राचार्य को नियुक्ति मिली है। सच्चिदानंद शर्मा की नियुक्ति लोक सेवा आयोग से हुई है। जल्द ही नवनियुक्त प्राचार्य का अभिनंदन समारोह किया जाएगा। संजय शर्मा, सुनील शर्मा, विकास शर्मा, रीतु गोयल, कुलविंदर आदि मौजूद रहे।


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