अपनों की खामोशी ने हर कदम पर कराया दस साल तक सामूहिक दुष्कर्म
बिजनौर निवासी पीड़िता का परिवार आरोपितों का कर्जदार था, लिहाजा वे भी खामोश रहे।
मेरठ। आठवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान ट्यूशन शिक्षक ने उसका जिस्म नोचना शुरू किया और फिर दोस्तों को भी इस घिनौने कृत्य में शामिल कर लिया। बिजनौर निवासी पीड़िता का परिवार आरोपितों का कर्जदार था, लिहाजा वे भी खामोश रहे। इस खामोशी ने पीड़िता की जिंदगी नरक बना दी। इंसानियत को शर्मसार करने का यह क्रम एक-दो दिन नहीं बल्कि दस साल तक चला। आरोपितों के चंगुल से छूटकर भागी युवती मेरठ पहुंची और एसएसपी से कार्रवाई की गुहार लगाई। चांदपुर (बिजनौर) निवासी 21 वर्षीय पीड़िता हेल्प चेरिटेबल ट्रस्ट की अध्यक्ष सीमा खान के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंची। पीड़िता ने बताया कि वह आठवीं कक्षा में पड़ोस में एक शिक्षक से ट्यूशन पढ़ती थी। ट्यूशन शिक्षक ने एक दिन बाकी बच्चों को भेजकर उसे रोक लिया और दुष्कर्म किया।
बकौल पीड़िता, परिजनों को यह दर्द बताया लेकिन शिक्षक के कर्जदार होने के कारण वे चुप रहे और ट्यूशन छुड़वा दिया। इसके बाद शिक्षक उसे अश्लील पत्र लिखने लगा। चांदपुर चेयरमैन से शिकायत की तो उसने माफी मांग ली। पीड़िता का कहना है कि शिक्षक ने बाद में उसके पड़ोसी से संपर्क साधा। उसके पिता पर पड़ोसी का भी 40 हजार रुपये का कर्ज था।
आरोप है कि स्कूल जाते समय शिक्षक, पड़ोसी व दो अन्य लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और पुराने मकान में बंधक बनाकर 15 दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद पड़ोसी उसे अपने घर ले आया। पड़ोसी व अन्य तीन आरोपित बंधक बनाकर कई साल तक उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। इसके चलते वह गर्भवती हो गई और एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची अब ढाई साल की है।
पीड़िता का कहना है कि वह जब भी उत्पीड़न का विरोध करती तो पड़ोसी उसकी बच्ची को सिगरेट से दागता। नौ अक्टूबर 2017 को वह वहां से भाग निकली और मेरठ पहुंच गई। रास्ते में मिली एक औरत ने उसे सहारा दिया। पीड़िता का आरोप है कि उसने अक्टूबर 2017 से बिजनौर पुलिस को कई प्रार्थना-पत्र दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि घटना क्षेत्र बिजनौर का है। पीड़िता ने जान को खतरा बताया है। उच्चाधिकारियों से संपर्क कर उसकी शिकायत को संबंधित कप्तान के पास भेजा जाएगा।