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गन्ने के इर्द गिर्द घूम रही पश्चिमी उप्र की सियासत

मोदी के बाद अब योगी सरकार ने दिया गन्ना किसानों के लिए रिकार्ड बजट, किसानों से भी मिल चुके हैं मोदी। हर रैली में गन्ना किसानों की चर्चा करते रहे हैं सीएम योगी, अब 5535 करोड़ रुपए से साधी सियासत।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 04:30 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 04:30 PM (IST)
गन्ने के इर्द गिर्द घूम रही पश्चिमी उप्र की सियासत

मेरठ (संतोष शुक्ल)। चुनावी मौसम में भाजपा सरकार किसानों पर झमाझम बरस रही है। जहां पश्चिमी उप्र की पहचान धु्रवीकरण की लैब के रूप में थी, वहीं अब योगी सरकार ने इसमें गन्ने की मिठास घोलने का प्रयास किया है। गन्ने के कटोरे में भरपूर उबाल है। केंद्र के बाद अब राज्य सरकार ने भी गन्ना किसानों के लिए साढ़े पांच हजार करोड़ से ज्यादा का बजट देकर पश्चिम उप्र की राजनीतिक अहमियत बढ़ाई है। माना जा रहा है कि पश्चिम की सियासत अब गन्ना के इर्द गिर्द घूमती नजर आएगी।

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पीएम मोदी को भी भाए गन्ना किसान

केंद्र सरकार ने गत दिनों गन्ना किसानों के लिए आठ हजार करोड़ का पैकेज दिया था। बाद में गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा व सांसद डा. संजीव बालियान की अगुआई में करीब दो दर्जन गन्ना किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। हाल में बरेली में प्रधानमंत्री ने एक रैली में गन्ना किसानों का जिक्र छेड़कर साफ कर दिया कि सियासत में चीनी की मिठास बढ़ेगी। उधर, गन्ना किसानों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी केंद्र सरकार को समझाने में सफल रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार न सिर्फ गन्ने का रिकार्ड भुगतान हुआ, बल्कि अतिरिक्त उत्पादन से सरकार को देर तक मिलों को चलाना पड़ा। कैराना लोकसभा चुनावों की सियासी तपिश में सीएम योगी ने गन्ना किसानों को जमकर रिझाया। शामली की रैली में योगी ने गन्ना बकाया के प्रति सरकार की गंभीरता को दिखाते हुए पूरा रिपोर्ट कार्ड पेश किया।

रालोद नहीं खड़ा कर पाई आंदोलन

हालांकि इस चुनाव में रालोद के महासचिव जयंत चौधरी गन्ना बकाया मुद्दा उछालने में लगे थे, किंतु इसके लिए कोई आंदोलन खड़ा नहीं कर पाए। इसी आड़ में तमाम भाजपाई भी गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा की घेरेबंदी तेज की, किंतु शामली चुनावी रैली में सीएम योगी ने राणा का कद बढ़ा दिया। उनकी पैरोकारी का नतीजा था कि कैराना लोकसभा उपचनुनाव का ठीकरा गन्ना मंत्री पर नहीं फूटा। इधर, गत दिनों सीएम योगी ने अनुपूरक बजट में 5535 करोड़ रुपए गन्ना किसानों के लिए दिया है। इसमें से 500 करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में पहुंचेंगे। वहीं, फसली ऋण मोचन योजना के लाभ से वंचित किसानों के लिए 1500 करोड़ का इंतजाम भी पार्टी के लिए बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है।

हर लोस क्षेत्र को साधा

भाजपा ने सधी रणनीति के तहत पश्चिमी उप्र की सभी संसदीय सीटों तक गन्ने के बहाने संपर्क साधा है। गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर की वेव शुगर, संभल और मुरादाबाद के बीच चंदौसी की वीनस शुगर और मुजफ्फरनगर, बागपत एवं कैराना को रमाला शुगर मिल से जोड़ा है। वहीं मेरठ एवं गाजियाबाद को मोहिउद्दीनपुर व बिजनौर और नगीना संसदीय क्षेत्रों को नगीना शुगर मिल से साधने का प्रयास किया गया है। योगी सरकार ने सहारनपुर में आठ साल से बंद पड़ी दया शुगर मिल को भी चालू कराया।

गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा का कहना है कि मोदी और योगी सरकार ने गन्ना किसानों की तकदीर बदलने का काम किया है। बकाए का रिकार्ड भुगतान, बंद चीनी मिलों को चालू करने के साथ ही अन्य सहूलियतें दी हैं। अनुपूरक बजट में सीएम योगी ने गन्ना के लिए रिकार्ड बजट तय किया, उन्हें बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं।


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