तीन पार्षदों की सियासत ने बिगाड़ा 'गणित'
बसपा हाईकमान द्वारा महापौर सुनीता वर्मा और उनके पति योगेश वर्मा को पार्टी से निष्कासित करने के बाद पार्टी में बगावत शुरू हो गई है।
मेरठ, जेएनएन। बसपा हाईकमान द्वारा महापौर सुनीता वर्मा और उनके पति योगेश वर्मा को पार्टी से निष्कासित करने के बाद पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। दो दिन से चल रही उठापठक में अब तक उनके पक्ष में बसपा के 12 पार्षद, एक जिला पंचायत सदस्य समेत 23 नेताओं ने लिखित में इस्तीफा दे दिया है। उधर, इस्तीफे के बाद बसपा कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें 20 पार्षद पहुंचे। ऐसे में कुल 29 पार्षदों वाली बसपा में तीन पार्षद ऐसे हैं, जो 'खेल' कर रहे हैं।
मोदीपुरम कार्यालय प्रतिनिधि के अनुसार मंगलवार को महापौर के पल्लवपुरम फेज-वन स्थित आवास पर बैठक हुई। इस मौके पर जिन्होंने इस्तीफा दिया वे हैं- पार्षद, इकरामुद्दीन वार्ड 80 व उपाध्यक्ष, नगर निगम में कार्यकारिणी समिति, जाहरा वार्ड-75, कय्यूम अंसारी-83, शहजाद-81, शब्बीर कस्सार-85, आस मौ.-84, असगरी बेगम-55, सईद अख्तर-82, रविद्र कुमार-18, कुलदीप सिंह-15, प्रदीप वर्मा-27 और पार्षद अमित राव वार्ड-12 से शामिल हैं। वहीं बसपा छोड़ने वाले जिला पंचायत सदस्य सुबोध गुर्जर वार्ड-09 से हैं। बहसूमा नगर पंचायत की सभासद संतोष जाटव के अलावा नगर पंचायत बहसूमा के पूर्व सभासदों में नरेंद्र कुमार, शीमा, बबली, राकेश कुमार, ऋषिपाल, बहसूमा नगर पंचायत की पूर्व चेयरमैन राजेश कुमारी हैं, जबकि पार्टी पदाधिकारियों में हस्तिनापुर विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र कुमार, हस्तिनापुर के पूर्व अध्यक्ष श्यामलाल भवालिया और जिला प्रभारी राहुल गौतम ने इस्तीफा पत्र दिया है।
उधर, इसी दिन बसपा जिला कार्यालय पर जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें दावा किया गया कि 20 पार्षद पहुंचे थे। पार्टी के वैसे तो 28 पार्षद चुने गए थे, लेकिन बाद में एक निर्दलीय भी बसपा में शामिल हो गए थे, ऐसे में इनकी संख्या 29 कही जाती है। दोनों पक्षों के दावे पर यकीन करें तो तीन पार्षद ऐसे हैं, जो दोनों तरफ की बैठकों में पहुंच रहे हैं।