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मोबाइल के टच स्क्रीन पर खुलेगी महायोजना

मेरठ महायोजना 2031 को जनता के समक्ष आने व लागू होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इस बार सबसे बड़ा बदलाव यह है कि इस बार की महायोजना डिजिटल रहेगी। इससे पहले की सभी महायोजना प्रिट फारमेट में हुआ करती थी। साथ ही उसका मानचित्र लोगों की समझ में नहीं आता था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 10:37 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 10:37 AM (IST)
मोबाइल के टच स्क्रीन पर खुलेगी महायोजना
मोबाइल के टच स्क्रीन पर खुलेगी महायोजना

मेरठ, जेएनएन। मेरठ महायोजना 2031 को जनता के समक्ष आने व लागू होने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। इस बार सबसे बड़ा बदलाव यह है कि इस बार की महायोजना डिजिटल रहेगी। इससे पहले की सभी महायोजना प्रिट फारमेट में हुआ करती थी। साथ ही उसका मानचित्र लोगों की समझ में नहीं आता था। जबकि इस बार का मानचित्र जूम करके भी देखा जा सकेगा। पूरी महायोजना आनलाइन रहेगी। साथ ही किस खसरा का भूमि उपयोग क्या है उसे कोई भी देख सकेगा। यह व्यवस्था लौंगीट्यूड व लैटीट्यूड पर आधारित रहेगी। अब से पहले यह व्यवस्था नहीं थी। सिर्फ एमडीए को ही भूमि उपयोग का पता रहता था। भूउपयोग जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि एमडीए में मानचित्र भूउपयोग के अनुसार ही स्वीकृत होते हैं। उदाहरण के लिए बता दें कि कई उद्योगों, मीट प्लांट का मानचित्र इसलिए स्वीकृत नहीं हुआ था संबंधित भूउपयोग पर उद्योग या मीट प्लांट किसी भी स्थिति में स्वीकृत नहीं किए जा सकते। वहीं अब कोई भी जान सकेगा कि सड़क, उद्योग, शिक्षा हब कहां प्लान किया गया है। जियोग्राफिक इंफारमेशन सिस्टम (जीआइएस) केंद्रीयकृत मास्टर प्लान-2031 तैयार किया गया है। इससे शहर का सुनियोजित विकास सुनिश्चित हो सकेगा। कोई भी महायोजना के अनुसार अपनी आगे की योजना बना सकेगा। इस तरह से हर किसी का शहर के विकास में योगदान शामिल होगा। पहली बार 10 साल के लिए बनी है महायोजना

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यह महायोजना 10 साल के लिए बनाई गई है। इससे पहले की सभी महायोजना 20 साल के लिए बनाई जाती थीं। दिल्ली-एनसीआर की महायोजना इस बार भी 20 साल के लिए बनाई गई है। मेरठ व अन्य शहरों की महायोजना 10 साल के लिए इसलिए बनाई गई है क्योंकि तेजी से बदल रहे शहर में 20 साल में बहुत कुछ बदल जाता है। जबकि सरकार व संस्थान अपनी योजनाएं नहीं बना पातीं। छोटा लक्ष्य रखने से तेजी से कार्य हो जाता है। इस बार हस्तिनापुर, मवाना, सरधना भी शामिल होंगे

मेरठ महायोजना में इस बार सरधना, मवाना व हस्तिनापुर को भी शामिल किया गया है। इसके बीच में पड़ने वाले 305 गांव भी इसमें शामिल होंगे। इस तरह से इन क्षेत्रों में होने वाले कार्य महायोजना के अनुसार ही होंगे।


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