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रसायन के गलत मिश्रण से हुआ था समर गार्डन में धमाका

रसायन के गलत मिश्रण से हुआ था समर गार्डन में धमाका

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 02:10 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 02:10 AM (IST)
रसायन के गलत मिश्रण से हुआ था समर गार्डन में धमाका
रसायन के गलत मिश्रण से हुआ था समर गार्डन में धमाका

रसायन के गलत मिश्रण से हुआ था समर गार्डन में धमाका

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मेरठ,जेएनएन। समर गार्डन में घर के अंदर रसायन के गलत मिश्रण से धमाका होने की बात सामने आ रही है। बसरिया बागपत के सुहैल पुत्र युनूस और सुनील घर के अंदर रसायन का मिश्रण कर रहे थे। तभी अचानक चिंगारी उठी और विस्फोटक से धमाका हो गया। उसके बाद घर के अंदर से सिलेसिलेवार तीन धमाके हुए। एक धमाका विस्फोटक पदार्थ से हुआ। दूसरा धमका गैस सिलेंडर फटने और तीसरा धमाका फ्रीजर फटने से हुआ था। मकान स्वामी इंतजार उर्फ इंतू ने पुलिस पूछताछ में अहम जानकारी दी है। हालांकि उसके बाद भी फोरेंसिक टीम धमकों के बारे में जानकारी जुटा रही है। पड़ताल की जा रही है कि घर के अंदर कौन कौन से रसायन रखे हुए थे। रसायन के बारे में जानकारी होने से इंतजार ने इन्कार कर दिया। इंतजार का कहना है कि पहले वह 60 फुटा रोड पर रहता था। तभी वहां पर रहने वाले मुस्तकीम और युनूस से बातचीत होती थी। उसी के चलते मुस्तकीम ने धर्मकांटा पर निर्माण कार्य चलने की बात कहकर घर के अंदर विस्फोटक पदार्थ रख दिया था। सोमवार को बसरिया निवासी युनूस का बेटा सुहैल और सुनील विस्फोटक लेकर आए थे, जो रसायन का घर के अंदर ही मिलान करने लगे थे। उसके बाद इंतजार अपनी पत्नी के साथ घर से बाहर आ गया था। घर पर इंतजार की बेटी और उनके बच्चे मौजूद थे। इंतजार का कहना है कि रसायन के मिश्रण से ही धमाका हुआ है। सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि इंतजार से पूछताछ के बाद फोरेंसिक टीम भी मामले की जांच कर रही है। किराए के लालच में बर्बाद हो गया परिवार पूछताछ के दौरान इंतजार रोने लगा। उसका कहना था कि मामूली किराए के लालच में आकर मुस्तकीम का विस्फोटक पदार्थ घर में रखवा लिया था। उसका खामियाजा पूरे परिवार को उठाना पड़ गया। एक बेटी शमीमा की मौत हो गई। उसकी दो बेटिया है, जबकि दूसरी बेटी शगुफ्ता भी गंभीर रूप से घायल है। संयोग रहा है कि हादसे के समय पत्नी के साथ घर से बाहर निकल कर आ गया था। एनसीआर में प्रतिबंधित हैं पटाखे एनजीटी के आदेश के तहत एनसीआर में पटाखे बनाने और प्रयोग करना प्रतिबंधित हैं, लेकिन उसके बाद भी अवैध तरह से पटाखे बनाने और प्रयोग किए जा रहे है। मेरठ, शामली, सहारनपुर, हापुड़ और आसपास के जिलों में पटाखों से विस्फोट होने पर जान भी जा रही हैं। सिर्फ एनसीआर में ग्रीन पटाखे ही छुड़ाने की अनुमति है। सीओ अरविंद चौरसिया का कहना है कि आरोपितों के खिलाफ अवैध तरीके से पटाखा बनाने की धाराओं में कार्रवाई हो चुकी है। विवचेना में जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसके आधार पर धाराएं बढ़ा दी जाएंगी। हापुड़ हादसे की दिलाई याद पांच जून को हापुड़ के धौलाना में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट के बाद भी मेरठ में सबक नहीं लिया गया। उसके बाद भी लिसाड़ीगेट के समर गार्डन में घर के अंदर पटाखे बनाने का धंधा चल रहा था। पुलिस का यह हाल तब है, जब आरोपित मुस्तकीम पहले भी पटाखे बनाने में जेल जा चुका है। यही कारण है कि उसने बागपत से मेरठ के लिसाड़ीगेट में आकर फिर से पटाखों का धंधा शुरू कर दिया था।


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