देश को केरोसिन मुक्त बनाने की मेरठ मंडल से होगी शुरुआत
गुजरे जमाने की बात हो जाएगा मिंट्टी का तेल, कहीं नहीं होगी उपलब्धता। देश और प्रदेश को केरोसिन मुक्त बनाने की मुहिम का मेरठ से श्रीगणेश होगा।
मेरठ (प्रदीप द्विवेदी)। क्रांति की धरा मेरठ से एक और क्रांति होने जा रही है। यह है केरोसिन से मुक्ति की क्रांति। मिट्टी का तेल अब बीते जमाने की बात हो जाएगा। देश को केरोसिन मुक्त बनाने की मुहिम में उत्तर प्रदेश में इस अभियान का श्रीगणेश होगा मेरठ मंडल से। प्रदेश से लेकर जिलों तक सबका कोटा कम कर दिया गया है। अब इसे पूर्णरूप से बंद कर दिया जाएगा।
प्रदेश और जिलों का कोटा घटा
भारत सरकार देश को केरोसिन मुक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है। इसके अंतर्गत सभी प्रदेशों को केरोसिन का आवंटन भी कम कर दिया गया है। इसके आधार पर प्रदेश स्तर से जिलों को मिलने वाला केरोसिन का कोटा भी आधे से कम कर दिया गया था। अब इसमें भी धीरे-धीरे कटौती होने लगी है।
मेरठ मंडल से इसलिए हो रहा आगाज
दरअसल, जैसे-जैसे बिजली कनेक्शन और विद्युत आपूर्ति सुधर रही है, केरोसिन का आवंटन भी कम किया जाने लगा है। विद्युत कनेक्शन देने के मामले में उप्र में सबसे तेज काम मेरठ मंडल में चल रहा है। ऐसे में सबसे पहले मेरठ मंडल को ही केरोसिन मुक्त घोषित किया जाएगा।
राशन कार्ड पर नहीं मिल सकेगा
अब राशन कार्ड से मिट्टी का तेल नहीं मिल पाएगा। वर्तमान में पात्र गृहस्थी राशन कार्ड पर प्रति माह दो लीटर और अंत्योदय कार्ड पर 3.50 लीटर मिट्टी का तेल दिया जाता है। हालांकि, पूर्वाचल और बुंदेलखंड को केरोसिन मुक्त घोषित करने में थोड़ा वक्त लगेगा लेकिन मेरठ मंडल को दो माह बाद केरोसिन की आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। हालांकि यह आपूर्ति बिजली आपूर्ति पर आधारित है। इन दो माह में संबंधित जिलों को पूरी तरह से सौभाग्यशाली घोषित कर दिया जाएगा। शेड्यूल के मुताबिक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी, तभी ये आवंटन बंद होगा।
संयुक्त आयुक्त (खाद्य) सत्येदव का कहना है कि केरोसिन मुक्त प्रदेश की शुरुआत प्रदेश में मेरठ मंडल से होगी। आगामी दो माह बाद केरोसिन का आवंटन खत्म हो सकता है। हालांकि यह कदम विद्युत कनेक्शन व आपूर्ति सुनिश्चित होने के बाद ही उठाया जाएगा।